बिग ब्रेकिंग: FSSAI ने दुग्ध उत्पादों पर ‘A1’और ‘A2’ की लेबलिंग पर लगाई पाबंदी। सर्कुलर जारी

FSSAI ने दुग्ध उत्पादों पर ‘A1’और ‘A2’ की लेबलिंग पर लगाई पाबंदी। सर्कुलर जारी

देहरादून। खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने गुरुवार को ई-कॉमर्स और फूड कारोबार कंपनियों को कहा है कि वो दूध, दही और घी जैसे दूध से बने उत्पादों की पैकेट पर ‘A1’और ‘A2’ की लेबलिंग करना बंद कर दें। एफएसएसआई ने इस तरह की लेबलिंग को भ्रामक करार दिया है।

FSSAI ने कहा है ये दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के मुताबिक़ नहीं हैं।

FSSAI ने एक नए सर्कुलर में कहा है कि कहा कि उसने इस मुद्दे की जांच की है और पाया है कि A1 और A2 का अंतर दूध में बीटा-केसीन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। हालांकि मौजूदा FSSAI नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं।

कंपनियों से कहा गया है कि अगर उनके पास पहले से छपे लेबल बच गए हैं तो इसे छह महीने में खत्म कर दें. इसके बाद इसके लिए और समय नहीं दिया जाएगा। ए1 और ए2 दूध में बीटा-कैसीन प्रोटीन की संरचना अलग-अलग होती है, यह गाय की नस्ल के आधार पर अलग-अलग होती है।

एफएसएसआई ने कहा है कि इस तरह की लेबलिंग एक किस्म की ‘मार्केटिंग चालाकी’ है। इसे बंद होना चाहिए।

21 अगस्त को जारी एक नोटिस में, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने दूध और डेयरी उत्पादों, जैसे घी और विभिन्न प्रकार के दूध को कैसे बेचा जाना चाहिए, इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए नोटिस जारी किया।

उन्होंने A1 और A2 दूध के बीच अंतर को स्पष्ट किया, जो विभिन्न गाय आनुवंशिकी को संदर्भित करता है। FSSAI ने इन डेयरी उत्पादों के लिए FSSAI लाइसेंस नंबर या पंजीकरण प्रमाणपत्र का उपयोग करने का सही तरीका भी साझा किया।

FSSAI का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, उपभोक्ताओं को पता हो कि वे क्या खरीद रहे हैं और विपणन में सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों का पालन किया जाए, जिससे डेयरी उद्योग में विश्वास बढ़े।

नोटिस अनुसार, FSSAI ने A1 और A2 दूध के मामले की जांच की और पाया कि ये अंतर बीटा-कैसिइन नामक एक विशिष्ट प्रोटीन में भिन्नता के कारण होता है। इस वजह से, यह दावा करना कि दूध वसा वाले उत्पाद A2 हैं, भ्रामक हो सकता है और यह FSS अधिनियम 2006 में निर्धारित नियमों का पालन नहीं करता है।

2011 के खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियमन में दूध के मानकों में A1 और A2 दूध के बीच कोई अंतर नहीं किया गया है। नतीजतन, FSSAI ने खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBO) को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है।

ई-कॉमर्स FBO को भी अपनी वेबसाइटों से A1 और A2 प्रोटीन के सभी उल्लेखों को तुरंत हटाने का आदेश दिया गया है।