प्राकृतिक आपदा, रिफॉर्म्स, गवर्नेस मॉडल और महिला अपराधों पर पीएम मोदी की लंबी स्पीच। पढ़ें….
देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। वहीं, पीएम मोदी सर्जिकल स्ट्राइक, प्राकृतिक आपदा, रिफॉर्म्स और गवर्नेस मॉडल तक कई विषयों पर बोले।
बतौर प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले पर झंडा फहराया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देशवासियों को माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा था। हमने गर्वनेंस के इस मॉडल को बदला है। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है। अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है।
लाल किले पर मुख्य समारोह में शामिल होने से पहले PM ने सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत रखी गई है। इसके तहत स्वतंत्रता के 100वें साल यानी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है।
78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया। अपने 103 मिनट के भाषण में PM ने कहा कि देश में अगले 5 साल में 75 हजार मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी। वहीं कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा- ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटका दिया जाए।
उन्होंने आजादी से पहले जनसंख्या की चर्चा की, आजादी का जिक्र किया। इस दौरान कई बार ‘मेरे परिवारजनों’ बोला। आइए प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें जानें।
भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह नोंच लिया
पीएम मोदी ने परिवार शब्द से अपने संबोधन की शुरुआत की और परिवारवादियों को लपेट ले गए। पीएम मोदी के संबोधन में सरकार की उपलब्धियों का बखान था तो भविष्य के लिए रोडमैप भी।
उन्होंने इतिहास का जिक्र कर आने वाले कल के लिए देशवासियों को आगाह किया तो भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को लेकर किसी का नाम लिए बगैर विरोधी दलों पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह नोंच लिया है लेकिन ये मोदी के जीवन का प्रतिबद्धता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा।
परिवारवाद को लेकर पीएम का हमला
उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा कि इसने देश को जिस तरह से जकड़ रखा है, लोगों का हक छीना है। इनका मूल मंत्र है- ऑफ द फैमिली, बाई द फैमिली और फॉर द फैमिली। उन्होंने कहा कि तीसरी बुराई तुष्टिकरण है जिसने देश के मूलभूत चिंतन को नुकसान पहुंचाया है। हमें इन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
प्राकृतिक आपदा को लेकर यह कहा
पीएम मोदी ने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ती चली जा रही है। अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, संपत्ति खोई है। देश का नुकसान हुआ है। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि देश संकट की इस घड़ी में साथ खड़ा है।
समृद्ध भारत, विकसित भारत का संकल्प
उन्होंने कहा, ‘आजादी से पहले सैकड़ों साल की गुलामी का हर कालखंड संघर्ष का रहा। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती थी।
40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, सामर्थ्य दिखाया, एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे- भारत की आजादी का। हमारी रगों में उन्हीं का खून है। 40 करोड़ लोगों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था, दुनिया की महासत्ता को उखाड़ फेका था।’
पीएम ने कहा कि 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी के सपने को पूरा कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर, एक दिशा निर्धारित कर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हर चुनौती को पार कर समृद्ध भारत बना सकते हैं, 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
हर डाइनिंग टेबल तक पहुंचाना है श्रीअन्न
पीएम मोदी ने कहा कि करोड़ों नागरिकों ने अनगिनत सुझाव दिए। हर किसी ने 2047 तक विकसित भारत के लिए सुझाव दिए।
किसी ने स्टील कैपिटल, कुछ लोगों ने मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का, हमारी यूनिवर्सिटीज ग्लोबल बने, स्किल युवा विश्व की पहली पसंद बनना चाहिए तो किसी ने जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने, ये सुझाव दिया। किसी ने मोटे अनाज को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है।
सरकार में रिफॉर्म को कई लोगों ने जरूरी बताया, कई लोगों ने न्याय व्यवस्था में सुधार को जरूरी बताया। किसी ने शासन प्रशासन में कैपेसिटी बिल्डिंग का अभियान चलाने का सुझाव दिया तो किसी ने कहा कि अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन जल्द बनना चाहिए।
किसी ने पारंपरिक औषधियों का सुझाव दिया। लोग कहते हैं कि अब देर नहीं होनी चाहिए, भारत जल्द से जल्द तीसरी महाशक्ति बनना चाहिए। जब देशवासियों के इतने संकल्प हों, हमारा आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है। ये भरोसा अनुभव मिलता है, ये विश्वास लंबे कालखंड के परिश्रम की पैदावार है।
देश के लिए जीने का समय
उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोग देश के लिए मरने के लिए कटिबद्ध थे, आज ये समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का। मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। विकसित भार 2047 केवल भाषण के शब्द नहीं हैं, कठोर परिश्रम किया जा रहा है। हमने देशवासियों से सुझाव मांगे हैं।
आज सेना करती है सर्जिकल स्ट्राइक
पीएम ने कहा कि जब लालकिले से कहा जाता है कि बिजली समयसीमा में पहुंचाएंगे, तो हिंदुस्तान सो जाता है। जब ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंच जाती है तो सामान्य मानवी का भरोसा बढ़ जाता है।
परिवार के अंदर स्वच्छता का वातावरण बन जाए, भारत में आई नई चेतना का प्रतीक हैं। तीन करोड़ परिवार ऐसे हैं जिन्हें नल से जल मिलता है। जल जीवन मिशन के तहत कम समय में 18 करोड़ परिवारों तक पानी पहुंच रहा है।
दलित, पीड़ित, आदिवासी, गरीब भाई-बहन इन चीजों के अभाव में जी रहे थे। हमने प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने का जो प्रयास किया, परिणाम मिला है। लोकल फॉर वोकल का मंत्र दिया, आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट का माहौल बना है।
भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने, ग्लोबल वार्मिंग की चिंता किए बगैर हमने काम किया है। यही देश है जहां आततायी आतंकी आकर हमें मारकर चले जाते थे, आज देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।
बांग्लादेश के हालात पर जताई चिंता
पीएम ने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है। पड़ोस देश होने के नाते हम हालात को लेकर चिंतित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वहा हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।’
मणिपुर पर क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में मणिपुर हिसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और मणिपुर, देश के अन्य हिस्सों में हिंसा का दौर चला। कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। पीएम ने कहा कि बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ।
देश मणिपुर के साथ है। अब शांति की खबरें आ रही है। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समस्या का समाधान खोजने के लिए काम कर रही हैं। घटना मणिपुर में होती है तो देश को भी दुख होता है। हम एक हैं। हम सब मिलकर काम करेंगे।
सेकुलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. अनेक बार आदेश दिए हैं।
क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो सिविल कोड सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है।
अब हमें सेकुलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा. पीएम मोदी का कहना था कि हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो, जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं. ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते।
देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था. जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच-नीच का कारण बनते हैं, वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती. देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है।
स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से PM मोदी का सबसे लंबा भाषण
पीएम मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री 11वें स्वतंत्रता दिवस पर 103 मिनट का सबसे लंबा भाषण दिया। पहली बार उन्होंने लालकिले से 100 मिनट से ज्यादा की स्पीच दी है। चार बार (2016, 2019, 2022, 2023) 90 मिनट से ज्यादा का भाषण दिया है। सबसे छोटा भाषण साल 2014 का है, जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। तब उन्होंने 65 मिनट की स्पीच दी थी।