बड़ी खबर: कुदरत का कहर। मंदाकिनी नदी उफ़ान पर, ग्रामीणों को किया शिफ्ट

कुदरत का कहर। मंदाकिनी नदी उफ़ान पर, ग्रामीणों को किया शिफ्ट

पिथौरागढ़। नदी ने देवीबगड़, भौरबगड़ में कहर बरपाना शुरू किया। नदी ने सुबह होने तक इस क्षेत्र के लोगों को जख्म दे डाले। बारिश के बाद उफनाई मंदाकिनी नदी ने रास्ता बदल लिया। ग्रामीणों को शिफ्ट किया।

बारिश के बाद उफनाई मंदाकिनी नदी के कटाव के कारण किनारे बसे गांवों के कई परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। खतरा देखते हुए प्रशासन ने देवीबगड़ गांव के 8 और वल्थी के 2 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

मुनस्यारी के भौंरगबगड़ में 26 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। इनमें छह परिवार अन्यत्र शिफ्ट हो गए हैं। लगातार नदी का प्रवाह देवीबगड़ में आबादी की तरफ होने के बाद एसडीएम धारचूला मंजीत सिंह ने मौके पर जानकार निरीक्षण किया। उन्होंने सिंचाई विभाग को नदी का प्रवाह पथ पूर्ववत बनाए रखने के लिए पोकलैंड की मदद से काम करने को कहा है।

भौरबगड़ की आपदा के बाद मुनस्यारी के एसडीएम आशीष कुमार मिश्रा ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को देखा व आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंदाकिनी नदी से मुनस्यारी- जौलजीबी सड़क पर भारी भू-कटाव हो गया है। इससे इस सड़क पर यातायात ठप है। क्षेत्र में विद्युत लाइन के भी कटाव की जद में आने से बिजली भी गुल हो गई है।

शुक्रवार देर रात से क्षेत्र में हुई भारी बारिश से मंदाकिनी ना अगला उफना गई। नदी ने देवीबगड़, भौंरबगड़ में कहर बरपाना शुरू किया। नदी ने सुबह होने तक इस क्षेत्र के लोगों को जख्म दे डाले। एसडीएम सिंह ने बताया देवीबगड़ में आपदा के खतरे के बाद 8 और वल्थी गांव में 2 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है।

मुनस्यारी तहसील के भौंरबगड़ में कानूनगो भुवन लाल वर्मा ने बताया कि मंदाकिनी के प्रवाह से करीब 26 परिवारों को खतरा पैदा हो गया है। छह परिवरों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराया गया है। अन्य को भी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट होने को कहा गया है।

प्रभावितों से मिले एसडीएम मिश्रा मुनस्यारी के एसडीएम आशीष मिश्रा ने भी भौंरबगड़ के आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। कानूनगो भुवन लाल वर्मा ने बताया कि प्रशासन ने सभी प्रभावितों का उच्च प्राथमिक विद्यालय मदकोट में रहने का प्रबंध किया है।

मुनस्यारी थल मार्ग तीन दिन बाद हल्के वाहनों के लिए खुला, मुसीबत बरकरार

थल मुनस्यारी मार्ग तीसरे दिन हल्के वाहनों के लिए खोल लिया गया है। भारी वाहनों की आवाजाही अब भी ठप रहने से यहां सामान, फल, सब्जी नहीं आ पा रही है। नगर को देश-दुनिया से जोड़ने वाली थल-मुनस्यारी सड़क तीन दिन से बंद थी।

इसके शनिवार को हल्के वाहनों के लिए खोल लिए जाने से सीमांत के लोगों को काफी राहत मिली है। भारी वाहनों की आवाजाही नहीं होने से जरूरी सामान के साथ ही फल व सब्जी की बाजार में उपलब्धता नहीं के बराबर है।

बनिक और कालामुनि में सड़क धंसने से भारी वाहन की आवाजाही नहीं हो पा रही है। कई दिन से यहां फंसे भारी वाहन अब भी मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग भी बंद रहने से लोगों को दिक्कत हो रही है। देवीबगड़ सड़क के बंद हो से भारी वाहन मुनस्यारी नहीं पहुंच पा रहे हैं।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तैनात

आपदा के खतरे को देखते हुए देवीबगड़ व भौरबगड़ में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम को तैनात की गई है। एसडीएम मंजीत सिंह ने बताया कि किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की टीम सजगता से काम कर रही है।

एसडीएम ने पीड़ित परिवारों को दिया मदद का भरोसा

धारचूला के एसडीएम मंजीत सिंह ने देवीबगड़ के आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंनें पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।

बंगापानी तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो मीना जोशी ने बताया कि क्षेत्र में खतरे की जद में आए परिवारों में विजय सिंह राणा, बाला सिंह राणा व बांनद सिंह पांगती सहित अन्य लोग हैं।

ये लोग नदी से 200 मीटर दूर अपने रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं। बताया कि देवीबगड़ के भूपाल सिंह का ढाबा नदी में बह गया है। गनीमत रही कि उस समय वहां कोई व्यक्ति नहीं था।

भूस्खलन से धारीऐर व बेलतडी गांव को खतरा

धारीऐर व बेलतड़ी के ग्रामीणों ने भूस्खलन से गांव को खतरे की संभावना को लेकर डीएम को ज्ञापन दिया है। शनिवार को स्थानीय दयाकृष्ण भट्ट के नेतृत्व में ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे।

बताया कि जुलाई माह में हुई बारिश के बाद सड़क के समीप भूस्खलन हुआ है। जिसमें जमीन के भीतर पानी धीरे-धीरे रिस रहा है। कहा कि अगर भूस्खलन होता है तो सड़क से नीचे स्थित गांव को खतरा हो सकता है।

बेलतड़ी से क्वारबन को जाने वाली सड़क को अन्य जगह से निर्माण किया जाए जिससे गांव में कोई खतरा न हो। ग्रामीणों ने धारीऐर, बेलतडी गांव की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार लगाने व सड़क का निर्माण अन्य स्थान से करने की मांग की। इस दौरान जिबानंद भट्ट, दीपक चंद्र भट्ट, अशोक भट्ट मौजूद रहे।

बिजली पोल क्षतिग्रस्त, कई गांवों में बिजली गुल मुनस्यारी। आपदा के बाद क्षेत्र के कई गांवों की बिजली गुल हो गई है। देवीबगड़ में 11 केवी की बिजली लाइन के नदी में समा जाने से क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति ठप है। इससे आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को खासी मुश्किल हो रही है।