बिग ब्रेकिंग: अलकनंदा नदी का बढ़ा जलस्तर, इस जिले में रात 10 से सुबह 4 बजे तक यात्री वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध

अलकनंदा नदी का बढ़ा जलस्तर, इस जिले में रात 10 से सुबह 4 बजे तक यात्री वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध

देहरादून। शुरूआती दौर में ही उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मानसूनी बारिश जमकर बरस रही है। ऊंचाई वाले स्थानों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गये हैं। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है।

अलकनंदा नदी फिलहाल 624 मीटर पर बह रही है और खतरे का निशान 626 मीटर है। नदी किनारे स्थित सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं।

चमोली जिले के बदरीनाथ धाम सहित अन्य क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है। रुद्रप्रयाग शहर के बीच से बहने वाली अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है। नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच नदी किनारे के सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गई है।

नदी अपने मूल बहाव क्षेत्र से लगभग 15 मीटर दूर तक बह रही है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे नदी से लगभग 15 मीटर दूर भगवान शिव की 10 फीट से अधिक ऊंची मूर्ति है और नदी का पानी इस मूर्ति के गले तक पहुंच चुका है। नदी में पेड़-पौधों के साथ तमाम चीजें बहकर आ रही हैं।

रुद्रप्रयाग में पिछले तीन दिनों से सिर्फ बादल छाये हुए हैं। यदि यहां भी आफत की बारिश बरसती है तो दिक्कतें अधिक पैदा हो सकती हैं। प्रशासन ने भी नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट मोड़ पर रख दिया है। लोगों से कहा जा रहा है कि वह सतर्क रहे, ताकि नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर घरों को खाली किया जा सके।

 

वहीं दूसरी ओर मंदाकिनी नदी भी उफान पर है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का संगम होता है। संगम स्थल पर बने स्नान घाट के साथ शव जलाने के स्थान भी पूरी तरह से मंदाकिनी नदी में डूब गए हैं।

यहां पर होने वाली हर रोज सायं की आरती भी प्रभावित हो रही है। प्रशासन की ओर से लोगों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। खासतौर पर नदी किनारे रहने वाले लोगों को सचेत रहने को कहा गया है। पुलिस की ओर से अनाउंस के जरिए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।

चमोली में रात 10 से सुबह 4 बजे तक यात्री वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध

चमोली पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से चार धाम यात्रा के वाहनों के आवागमन पर रात 10 से सुबह 4 बजे तक प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश मानसून सत्र में लागू रहेगा। बदरीनाथ हाईवे में कई स्थान संवेदनशील डेंजर जोन में है, ऐसे में बरसात के मौसम में कभी भी हाईवे में मलवा आ सकता है।

बदरीनाथ हाईवे पर गौचर के समीप कमेड़ा, मैठाणा, चमोली चाढ़ा, बाजपुर, बिरही चाढ़ा, भनेर पानी, टंगणी के निकट पागल नाला, जोगी धारा, मारवाड़ी, टैय्या पुल, हनुमान चट्टी से लेकर कंचन गंगा, रडांग ग्लेशियर प्वाइंट तक बरसात और चट्टानों से बोल्डर,पत्थर,मलवा आने की स्थिति में संवेदनशील है।

 

पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार सैनी ने बताया कि मानसून सत्र को देखते हुऐ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुऐ रात दस बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। चमोली के प्रवेश द्वार गौचर में बेरियर लगाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि अगर यात्रियों ने अग्रीम स्टेशनों की पहले से बुकिंग की है उन परिस्थितियों को देखते हुऐ यथा स्थिति अनुसार निर्णय लिया जाएगा। पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार सैनी ने सभी को सतर्कता बरतने को कहा गया है।