बिग ब्रेकिंग: केदारघाटी के रुमसी में फटा बादल। कृषि भूमि और स्कूल जाने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त

केदारघाटी के रुमसी में फटा बादल। कृषि भूमि और स्कूल जाने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त

उत्तराखंड की केदारघाटी के रुमसी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। स्कूल के रास्ते ध्वस्त होने के साथ ही कृषि भूमि में मलबा आया है।

घटना की सूचना प्राप्त होते ही मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, खंड विकास अधिकारी अगस्त्यमुनि प्रवीन भट्ट एवं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार तथा राजस्व उप निरीक्षक घटना स्थल के लिए रवाना हुए।

उन्होंने घटना स्थल पर पाया कि देवधार में जूनियर हाईस्कूल का रास्ता एवं कृषि भूमि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस घटना में किसी प्रकार से कोई जानमाल, जनहानि एवं पशु हानि नहीं हुई है।

बता दें कि, केदारघाटी में बारिश अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। केदारघाटी के रुमसी में बादल फटने की घटना सामने आई है, जिससे लोगों की कृषि भूमि और स्कूल जाने वाले रास्ते ध्वस्त हो गए हैं। वहीं बादल फटने की घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आज सुबह 8 बजे ग्राम प्रधान रुमसी के देवीदार तोक में बादल फटने के कारण स्कूल का रास्ता व कुछ खेतों में मलबा आ गया।

घटनास्थल पर पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने मुख्य कृषि अधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक एवं खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंशिक रूप से क्षति हुई कृषि भूमि एवं जूनियर हाईस्कूल रास्ते का आंगणन प्रस्ताव आपदा प्रबंधन के तहत तैयार कर शीघ्र कार्य कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं जूनियर हाईस्कूल के रास्ते में आए मलबे को तत्परता से हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

वहीं केदार घाटी में लगातार मूसलाधार बारिश ने उमस भरी गर्मी से आम जन को जरूर राहत दिलाई। वहीं सुबह हुई बारिश से कई जगहों पर जलभराव, भूस्खलन और बादल फटने की घटना भी सामने आई हैं।

केदारनाथ हाईवे पर नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के सौड़ी में खेतों का मलबा सड़क में आने से कुछ देर यातायात बाधित रहा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई, हालांकि बाद में यात्रियों ने खुद हाथों से पत्थर मलबा साफ कर यातायात को चालू किया।

वहीं अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में जवाहरनगर वार्ड में डिग्री कॉलेज के समीप सड़क में जलभराव होने से तालाब में तब्दील हो गई, यही हाल पुरानादेवल में दिखा, स्कूली बच्चों और पैदल आवाजाही कर रहे लोगों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कुछ ऐसा ही हाल गंगानगर पठालीधार सड़क का भी रहा, जहां पिछली बरसात में वाशआउट हो चुकी सड़क के हिस्से पर रिस रिसकर मलबा गिरता रहा, खतरनाक स्थिति देख वाहन चालकों ने बारिश रूकने के बाद ही मार्ग पर आवाजाही शुरू की।

बता दें इस सड़क को लेकर जनता आंदोलन भी कर चुकी है, एक वैकल्पिक मार्ग भी जनता ने सुझाया है, लेकिन अभी तक इस पर निर्णय नहीं हो पाया। विभाग सुरक्षित मार्ग को लेकर चुप्पी साधे है और बार बार वाशआउट सड़क पर पुश्ते देकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है।