एक जुलाई से बदलेंगे कानून। जघन्य अपराधों पर सख्त सजा का प्रावधान, पढ़ें…..
- क्राइम के बाद FIR दर्ज कराना पहले से ज्यादा आसान, 1 जुलाई से सख्त सजा का भी प्रावधान
देहरादून। भारतीय कानून में बदलाव के चलते इनकी जगह पर पीड़ितों को अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के माध्यम से न्याय दिलाया जाएगा।
एक जुलाई के बाद इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) व एविडेंस एक्ट इतिहास बनेगा।
भारतीय कानून में बदलाव के चलते इनकी जगह पर पीड़ितों को अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के माध्यम से न्याय दिलाया जाएगा।
बदली व्यवस्थाओं को ठीक से संचालित करने को पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क्स एंड सिस्टम पोर्टल में नई धाराएं जोड़नी शुरू कर दी हैं। चार दिनों में इसे अपग्रेड करने के बाद एक जुलाई हत्या, दुष्कर्म, धोखाधड़ी जैसे मामलों में नई धाराओं में केस दर्ज होगा।
अब अपराध होने पर किसी भी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकेगी। हालांकि तीन दिन के अंदर पीड़ित को संबंधित थाने पहुंचकर हस्ताक्षर करने होंगे। वहीं वारदात होने पर पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचकर हर काम की वीडियोग्राफी करनी होगी।
दुष्कर्म, पॉक्सो जैसे मामलों में दो माह के अंदर पुलिस को हर हाल में जांच पूरी करनी पड़ेगी। चार्जशीट भी ऑनलाइन दाखिल हो सकेगी। वहीं तीन वर्ष से अधिक व 7 वर्ष से कम सजा के मामलों में सीधे गिरफ्तारी नहीं होगी।
इसकी जांच 14 दिन में की जाएगी। आरोपी को गिरफ्तारी के समय परिचित को सूचना देने का अधिकार मिलेगा। वहीं जेंडर के आधार पर आरोपों को तय नहीं किया जाएगा।
धारा जो लागू होंगी
अपराध पुरानी धारा नई धारा
हत्या 302 103 (1)
हत्या का प्रयास 307 109
गैर इरादतन हत्या 304 (ए) 106
दहेज हत्या 304 (बी) 80
भ्रूण हत्या 313 89
आत्महत्या को उकसाना 306 108
दुष्कर्म 376 63
अभद्रता व छेड़छाड़ 294 296
अपहरण 363 137(2)
इन धाराओं में भी बदलाव
- हंगामा 144 187
- देशद्रोह 121 145
- एंटी नेशनल 121ए 146