बड़ी खबर: मतगणना से पहले महंगा हुआ एक्सप्रेस वे और हाईवे का सफर। पढ़ें….

मतगणना से पहले महंगा हुआ एक्सप्रेस वे और हाईवे का सफर। पढ़ें….

देहरादून। मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर सबसे कम टोल 45 रुपये और सबसे अधिक टोल 295 रुपये वसूला जाएगा।लोकसभा चुनाव के सातों फेज के इलेक्शन समाप्त होने के एक दिन बाद हाईवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों की जेब अब ढीली होने वाली है।

2 जून की रात 12 बजे से देश भर के सभी हाईवे और एक्‍सप्रेसवे के टोल टैक्‍स में बढ़ोतरी की गई है। भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कार, बस और ट्रक के लिए तीन से पांच फीसदी तक टोल टैक्स में बढ़ोतरी की है।

एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि टोल टैक्स की कीमतों में बढ़ोतरी साल में होने वाली एक प्रक्रिया है। आचार संहिता लागू होने की वजह से चुनाव आयोग ने निर्देश दिया था कि टोल टैक्स की दरों में अभी बढ़ोतरी नहीं की जाए। इसके बाद एनएचआईए ने देश भर में टोल टैक्स बढ़ाने के फैसले को रोक दिया था। इस बात की जानकारी एनएचआई के अधिकारी ने दी थी।

कितनी चुकानी होगी कीमत

मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर सबसे कम टोल 45 रुपये और सबसे अधिक टोल 295 रुपये वसूला जाएगा। दिल्‍ली-सहारनपुर नेशनल हाइवे पर जिवाना टोल पर सबसे कम 90 रुपये और सबसे ज्यादा 890 रुपये टोल वसूला जाएगा। झांसी-कानपुर हाइवे के रास्‍ते झांसी आने वाले वाहनों को सेमरी टोल प्‍लाजा पर 5 से 1500 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-हापुड़ एक्सप्रेस वे और गाजियाबाद अलीगढ़ हाईवे पर टोल वसूलने की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को दी गई है। लेकिन टोल की कीमतों को केवल एनएचएआई ही बढ़ा सकता है।

चुनाव की वजह से टला था फैसला

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि सोमवार यानी 3 जून से करीब 1,100 टोल प्लाजा पर टोल की कीमतों में 3 फीसदी से लेकर 5 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि चुनाव की प्रक्रिया के बाद टोल की दरों को बढ़ने से रोक दिया था।

हालांकि, अब फिर से टोल की कीमतों को बढ़ा दिया गया है।टोल प्लाजा पर बढ़ती कीमतें काफी चर्चा का विषय रहा है और सियासी दल भी इस मुद्दे को मुखर रूप से उठाते रहे हैं।

एनएचएआई का कहना है कि उनकी सड़क परियोजना के लिए टोल की कीमतों में बढ़ोतरी करना बेहद ही जरूरी है। वहीं, विपक्षी दल आम आदमी की जेब पर बोझ डालने के लिए एनएचएआई के इस कदम की आलोचना करते रहे हैं।