भाजपा विधायक ने कर्मचारी को दिखाया थप्पड़
उत्तराखंड में सत्ताधारी दल के विधायकों के ऊपर सत्ता का नशा इस कदर हावी है कि जनता तो कुछ नहीं वह अब सरकारी कर्मचारियों को भी अपने आगे कुछ नहीं समझ रहे हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी पीछे नहीं है।
देखें वीडियो:-
बीते दिनों चाहे छात्र संघ चुनाव के दौरान सड़कों पर अराजकता का माहौल चरम पर रहा या फिर कैबिनेट मंत्री द्वारा सड़क पर ही थप्पड़ प्रकरण का मामला हो। सत्ता का नशा सर चढ़ कर बोल रहा है।
अब ताज़ा मामला लैंसडॉन से बीजेपी विधायक महंत दिलीप सिंह रावत ने अपने कार्यकर्ता का चालान होने से नाराज होकर एक कर्मचारी परिवहन विभाग में कार्यरत हरीश चंद्र सती को धमकाने का सामने आया है।
जिसका वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में माननीय विधायक रौद्र रूप में राजकीय कर्मचारियों को बुरी तरह हड़काते हुए नजर आ रहे हैं।
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि भाजपा विधायक दिलीप रावत अपनी गाड़ी से उतरकर सीधे अधिकारी के पास पहुंचते हैं। यहां पर कई अन्य लोग भी मौजूद हैं। इनके सामने ही विधायक अफसर को मुक्का दिखाते हैं।
गनीमत रही कि सिर्फ थप्पड़ नहीं मारा, लेकिन बाकी बुरा भला काफी कहा, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक की किरकिरी पूरे देश में हो रही है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि विधायक किस कदर गुस्से में थे कि चालान काटने वाले अधिकारी पर सीधा हाथ उठाने चले आए।
हालांकि आस-पास खड़े लोगों को देख करके विधायक जी ने अपना हाथ रोक लिया, लेकिन इस कर्मचारी को विधायक ने काफी भला बुरा कहा। पहले जरा वीडियो देखिए जिसमे विधायक साहब किस कदर सत्ता की धमक दिखा रहे हैं।
इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारी हरिश चंद्र सती सामने नहीं आए हैं वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन अब वीडियो वायरल होने से विधायक और उनके समर्थक खासे परेशान हैं। मामला शुक्रवार का बताया जा रहा है, लेकिन वीडियो आज सुबह से वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर विधायक का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद अब उन्होंने मामले में अपनी सफाई दी।
भाजपा विधायक ने कहा कि हमारे यहां कोटद्वार में सिद्धबली का मेला चल रहा है और इसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। उनका कहना है कि उक्त अधिकारी सुबह से लोगों से अवैध वसूली करने लगे।
साथ ही एक व्यक्तिगत आदमी के साथ वह अवैध वसूली कर रहे थे। मंदिर समिति के लोगों ने और स्वयंसेवकों ने जब इस पर आपत्ति जताई तो अधिकारी उनके साथ अभद्रता करने लगे। इसके बाद लोगों ने मुझसे इसकी शिकायत की तो अफसर मुझसे भी अभद्रता करने लगा।