उड़ता उत्तराखंड: पहाड़ों में बढ़ता नशे का ग्राफ, उत्तराखंड में रेड अलर्ट, टॉप पर नैनीताल
उत्तराखण्ड के नैनीताल में जगह-जगह आपको युवा नशा करते दिख जाएंगे। नशे से न केवल युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, बल्कि समाज का एक अंग खत्म होने के साथ ही अपराध बढ़ने की आशंका प्रबल हो गई है। मीडिया के कैमरे में पब्लिक प्लेस में नशा करते ऐसे ही कुछ युवा कैद हुए हैं।
नैनीताल के अलग-अलग हिस्सों में आपको स्थानीय युवा बैठे मिलेंगे। जरूरी नहीं है कि ये सभी युवा कोई गलत काम ही कर रहे हैं, लेकिन इनमें से एक बड़ी संख्या नशे की लत से जुड़ी है।
नैनीताल में रिंक हॉल, अयारपाट्टा जंगल, शेरवानी, स्नो व्यू, बड़ा पोस्ट ऑफिस, ठंडी सड़क, मस्जिद के सामने अरोमा होटल रोड, बास्केट बॉल कोर्ट के समीप की रेलिंग, सी.आर.एस.टी.स्कूल के समीप, टंकि बैंड, हल्द्वानी रोड, जी.आई.सी.के समीप, टूटा पहाड़, जू रोड, सिल्वरटन होटल के समीप का जंगल, रतन कॉटेज मार्ग आदि कई सुनसान जगहों में नशे के बीमार युवाओं को देखा जा सकता है।
नशे के अलग-अलग प्रकारों में स्मैक, नशीले इंजेक्शन, चरस, सिगरेट, बॉन्ड, थिनर, आईडेक्स, शराब आदि शामिल हैं। नैनीताल में कई संगठन नशे के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं जिनमे ‘मिशन मेरा पहाड़’, ‘नैनीताल बचाओ नशा भगाओ’ समेत कुछ एन.जी.ओ. शामिल हैं।
जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद समाज कल्याण विभाग भी तत्परता के साथ बच्चों को नशे से बचाने के लिए काम कर रहा है।
एस.एस.पी. के निर्देशन में पुलिस भी नशे के अवैध कारोबारियों को समय-समय पर पकड़कर जेल पहुंचा रही है। जानकारी के अनुसार, एक केंद्रीय सर्वे में ऊत्तराखण्ड को रैड अलर्ट में रखा गया है, जबकि इसमें नैनीताल को टॉप में जगह दी गई है।
हैरानी की बात ये हैं कि, नशा करते ये युवा मीडिया के कैमरे में कैद हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों और समाज कल्याण विभाग समेत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को नहीं दिखाई दे रहे हैं।