शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को जारी किया नोटिस। बढ़ी मुश्किलें
चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ नंदादेवी राजजात मामले में कमिश्नर की जांच हुई पूरी। अब कभी भी हो सकता है धामी सरकार का बड़ा एक्शन।
उत्तराखंड। एक बड़ी खबर आपको बता दें कि, चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ बैठी गढ़वाल कमिश्नर की जांच पूरी हो गई है। जिसके बाद शासन की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है।
अपर सचिव पंचायती राज ओंकार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कमिश्नरी जांच पूरी होने के बाद शासन की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष को नोटिस भेजा गया है जिसका जवाब उन्हे पंद्रह दिन के भीतर देने को कहा गया है उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी ।
आपको बता दें कि चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी जोकि पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक बद्रीनाथ राजेंद्र भंडारी की पत्नी हैं उनपर आरोप हैं कि वर्ष 2012-13 की नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान उन्होंने टेंडर प्रक्रियाओं में अनियमितता की है। जिसपर कई बार स्थानीय नेताओं ने नंदा देवी राजजात में रजनी भंडारी पर भारी भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप भी लगाए हैं ।
आपको बता दें कि कमिश्नर गढ़वाल ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर जिक्र किया है कि रजनी भण्डारी अध्यक्ष जिला पंचायत के कार्यकाल में न्यूनतम निविदादाता के स्थान पर मनमाने तरीके से उच्च दर प्रस्तुत करने वाले निविदादाताओं को चयनित करने के उपरान्त अनुबन्ध गठित किये जा चुके थे।
कार्यों के भुगतान से पूर्व कार्यकाल समाप्त होने के कारण तत्कालीन प्रशासक जिला पंचायत चमोली द्वारा भुगतान निविदादाताओं का अवलोकन किया गया तो उसमें अनियमितता पाई गई।
कमिश्नरी जांच में पाया गया कि यदि जिला पंचायत चमोली का कार्यकाल समाप्त न हुआ होता तो इन निविदादाताओं को इन्ही की प्रस्तुत उच्च दरों पर भुगतान होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता था वही इससे शासन को वित्तीय हानि भी हुई होती जो मनमाने निर्णयों का नतीजा होता।
आपको बता दें कि इन आरोपो के बाद 25 जनवरी 2023 को उन्हे पद से हटा दिया था। हालांकि रजनी को कुछ दिन बाद ही हाईकोर्ट से इस आधार पर राहत मिल गई थी कि उन्हें हटाने में विभाग ने एक्ट का पालन नहीं किया है।
जिसके बाद शासन ने रजनी भंडारी के खिलाफ कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे । सूत्रों के मुताबिक गढ़वाल कमिश्नर ने यह जांच 23 मई को अंतिम जांच के रूप में पूरी कर दी थी जिसके बाद अब जुलाई के पहले हफ्ते में न्याय विभाग ने भी इसपर अपना परामर्श दे दिया था।
जिसमें बताया जा रहा है कि न्याय विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि गढ़वाल आयुक्त की जाँच के अनुसार स्व-निर्णय लेते हुए उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही निष्पादित कर सकता है जांच में रजनी भंडारी द्वारा पद का दुरुप्रयोग करके टेंडर आबंटन में घपला करना पाया गया है।
आपको बता दें कि अब नोटिस जारी होने के 15 दिनों के भीतर जिला पंचायत अध्यक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है जिसके बाद कभी भी शासन द्वारा चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष पर कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री धामी आजकल लगातार अपने कड़े फैसलो की वजह से चर्चाओं में हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री धामी का कड़ा एक्शन देखने को मिल रहा है ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इसी अगस्त के माह में जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को हटाया जा सकता है।