आपदा क्षेत्र में प्रभावितों के बीच पहुंचकर स्वयं रेस्क्यू का नेतृत्व करें जिलाधिकारी: सीएम धामी
- मुख्यमंत्री धामी ने आपदा के दृष्टिगत की कुमाऊं मंडल के जिलों की समीक्षा।
- SDRF के मानकों के अंतर्गत सरकारी विभागों की क्षति के कराए जाएं निर्माण कार्य।
- जलभराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनेज प्लान बनाने के भी दिए निर्देश।
- लाइफ सेविंग एक्यूमेंट सहित आधुनिक उपकरण से सुसज्जित हो रेस्क्यू टीमें।
खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खटीमा स्थित यूजेवीएनएल गेस्ट हाउस में आपदा के दृष्टिगत कुमाऊं मंडल के जनपदों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया में आपदा से संबंधित भ्रामक खबरों का संबंधित विभाग द्वारा खंडन करने को कहा। साथ ही जिले के अधिकारियों को आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में मौके पर पहुंचकर नेतृत्व करते हुए रेस्क्यू टीम का मनोबल बढ़ाने तथा प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करते हुए ढांढस बधाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UJVNL के गेस्ट हाउस खटीमा से कुमाऊं मंडल के जनपदों के आपदा में हुए नुकसान के दृष्टिगत समीक्षा की व वर्तमान हालातों पर गंभीरता से कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश।
सीएम ने कहा कि, यदि कहीं सड़क क्षतिग्रस्त या भूस्खलन होने के तथ्यहीन जानकारी सोशल मीडिया में आती है तो संबंधित विभागों को उनका खंडन भी करना चाहिए जिससे कि लोगों में भ्रामकता की स्थिति ना हो।
इसके अलावा आपदा ग्रस्त क्षेत्रों पर अधिकारी तत्काल मौके पर जाएं स्वयं जिलाधिकारी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व संभाले और लोगों को हर संभव मदद करते हुए प्रभावित लोगों को ढांढस बधाने का काम भी करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, आपदा की स्थिति में बचाव कार्य और भी तेजी से हो इसके लिए लाइफ़सेविंग उपकरण सहित अत्याधुनिक उपकरण संबंधित विभागों को उपलब्ध कराए जाएं जिससे कि जिले की आपदा रेस्क्यू टीमें आधुनिक उपकरणों के साथ जान माल के नुकसान में तत्काल मदद पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य कर सकें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से जलभराव वाले क्षेत्रों या नालों और नदियों के ड्रेनेज प्लान बनाने के निर्देश भी दिए जिससे कि भविष्य में नदियों के किनारे बसी आबादियों या शहरी क्षेत्र में जलभराव की स्थिति ना हो।
इसके अलावा मुख्यमंत्री घोषणा के विकास कार्यों के टेंडर की औपचारिकताएं पूरी कर 15 अगस्त तक कार्य शुरू करें। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, आपदा के दृष्टिगत जानमाल के नुकसान के आकलन के साथ ही कृषि एवं उद्यान क्षेत्र में हुए नुकसान का भी आकलन किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आर्थिकी खेती और उद्यान क्षेत्र से ही चलती है। ऐसे में आपदा से खेती व बागवानी को हुए नुकसान का आकलन करते हुए अनुमन्य मदद तत्काल पहुंचाई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, दूरस्थ जिले पिथौरागढ़ में आपदा में रेस्क्यू के लिए सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया गया है अब तक धारचूला क्षेत्र में 48 लोग हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू भी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, सरकार इस आपदा की घड़ी में पूरी तत्परता के साथ प्रभावितों की मदद और रेस्क्यू का कार्य गंभीरता के साथ कर रही है। आगे इसमें और भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
इस दौरान मंडलायुक्त दीपक रावत ने बताया कि, अब तक आपदा से कुमाऊं मंडल के सभी जनपदों में विभिन्न विभागों के 1252 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है।
7506.97 लाख के नुकसान का आकलन किया गया है जिसके सापेक्ष SDRF से प्राप्त धनराशि 493.17 लाख है जबकि 10.04 लाख व्यय की गई है।
VC में IG नीलेश आनंद भरणे, CDO विशाल मिश्रा सहित कुमाऊँ मण्डल के समस्त जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में VC से जुड़े थे।