10 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म
देहरादून। आज के समय में हैवानियत की तो हद पार हो गई है। जमाना ऐसा आ गया है कि हर जगह आपको मासूमों के साथ दुष्कर्म के ही खबरें नजर आएंगे। ऐसी घटनाएं शहरों में होती रहती है, लेकिन पहाड़ भी अब इन घटनाओं से अछूते नहीं रहे।
ऐसा हम क्यों कह रहे हैं, आइए आपको पूरा मामला बताते है। दरअसल 16 जून को उत्तराखंड के एक गांव में 10 साल के मासूम बच्ची से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मामला रिखणीखाल ब्लॉक का है।
घटना के बाद परिजनों ने राजस्व पुलिस को तहरीर देते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बता दे आरोपी घटना के बाद से फरार बताया जा रहा है। वही पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी में जुटी हुई है।
दरअसल, पूरे मामले में कानूनगो प्रीतम सिंह रावत ने बताया कि मामले में पीड़िता के मौसा की ओर से राजस्व पुलिस को तहरीर दी गई।
जिसमें उन्होंने कहा कि, एक 10 साल की मासूम बच्ची छुट्टियों में अपनी बड़ी बहन के साथ नाना के घर गई थी, जहां से वह अपनी बड़ी मौसी के घर चली गई।
इसके बाद 16 जून को बच्ची अपनी मौसी के साथ बाजार पहुंची और नाना के घर जाने की जिद करने लगी। इस पर मौसी ने गांव के ही एक युवक के साथ बच्ची को नाना के गांव तक जाने वाली बस में बैठा दिया।
मौसी ने बच्ची की मामी को फोन करके उसके पहुंचने की खबर पूछी, जिसके बाद पता चला कि वह वहां नहीं पहुंची। परिजनों ने बच्ची की तलाश शुरू की। वही बच्ची का मामा भी मौके के लिए रवाना हुआ। बच्ची को तलाशते हुए गांव से 2 किमी पहले एक बस स्टैंड पर बच्ची और आरोपी बैठे हुए पाए गए।
परिजनों को बच्ची रोते हुए दिखी और आरोपी उसके मामा को देखकर वहां से फरार हो गया। परिजन बच्ची को लेकर गांव पहुंचे, जहां पर बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया।
आरोपी पर आरोप है कि, उसने बच्ची को शॉर्टकट रास्ते से गांव जाने की बात कहते हुए गांव से 2 किमी पहले बस से उतार दिया और जंगल की ओर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म जैसा व्यवहार किया।
आपको बता दें कि, राजस्व पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराया और आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
एसडीएम लैंसडाउन सोहन सिंह सैनी का कहना है कि, मामले को रेगुलर पुलिस को सौंपने की संस्तुति जिलाधिकारी से की है। सोमवार तक यह मामला रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर होने की उम्मीद है।