हाईकोर्ट ब्रेकिंग: हरिद्वार में युवक की मौत के बाद उपजे बवाल पर सुनवाई। स्वतः संज्ञान याचिका खारिज 

हरिद्वार में युवक की मौत के बाद उपजे बवाल पर सुनवाई। स्वतः संज्ञान याचिका खारिज 

नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार जिले में रुड़की के बेलड़ा गाँव के एक व्यक्ति की मौत होने के बाद उससे उपजे बवाल की एक शिकायत पर बीते रोज स्वतः संज्ञान लिया था।

आज मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सुनवाई करते हुए एस.एस.पी.हरिद्वार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका को खारीज कर दिया है।

गुरुवार को न्यायालय ने एस.एस.पी.हरिद्वार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से घटना का मौका मुयाना कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।

मामले के अनुसार रुड़की की एक छात्रा नगमा कुरैशी ने मुख्य न्यायधीश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिकायत करी थी कि रुड़की के बेलड़ा गाँव में एक व्यक्ति की हत्या हो गयी, जिसकी वजह से वहां बवाल उतपन्न गया और भीड़ ने लोगो के साथ मारपीट और आगजनी की।

पुलिस इसपर कोई कार्यवाही नही कर रही है और न ही घायलों के इलाज के लिए थाने से उन्हें पर्ची दे रही है, जिसकी वजह से अस्पताल में उनका इलाज नही हो पा रहा है।

राज्य सरकार के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल चंद्रशेखर सिंह रावत ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर आज एस.एस.पी.और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट पेश की।

रिपोर्ट में कहा गया वहाँ किसी व्यक्ति का मर्डर नही हुआ, जिस व्यक्ति की मौत हुई उसका एक्सीडेंट हुआ था। पुलिस ने उसे 108 स्वास्थ्य सेवा में भेजकर उसका इलाज करवाया।

इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। शव का पंचनामा करते वक्त गाँव के करीब 150 लोग थाने में आकर धरना प्रदर्शन करने लगे और पुलिस के साथ मारपिटाई और पत्थर बाजी करने लगे।

गाँव में भी इन्होंने मारपिटाई और आगजनी की। गाँव मे शांति व्यवस्था कायम करने के लिए धारा 144 लगानी पड़ी। पुलिस ने 150 अज्ञात और 14 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

इस रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने जनहित याचिका को खारीज कर दिया। मामले में सरकार के महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर खुद बहस के लिए खड़े हुए थे।