अब बगैर GPS वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों पर होगी सख्ती। पढ़ लें यह खबर….
उत्तराखंड में परिवहन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। दरअसल, प्रदेश में बिना जीपीएस–व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों पर सख्ती की जाएगी।
वाहनों में वीएलटीडी नहीं होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आर्थिक दंड सहित वाहन सीज भी हो सकता है।
बता दे कि, राज्य में वीएलटीडी सिस्टम में छूट की अंतिम तिथि 31 मई को समाप्त हो गई है। इस वर्ष सरकार ने परिवहन कारोबारियों के अनुरोध पर अप्रैल महीने में वीएलटीडी सिस्टम से छूट दी थी। 31 मई तक ही यह छूट मान्य थी।
परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी के कहे अनुसार वीएलटीडी सिस्टम न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि वाहन के लिए भी उतना ही आवश्यक है। वीएलटीडी सिस्टम के जरिए वाहन की स्थिति की पल-पल की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
वही इस सिस्टम के चलते किसी अप्रिय घटना की स्थिति में राहत और बचाव कार्य भी तेजी से किए जा सकते हैं। उनका कहना है कि अब से जो वाहन वीएलटीडी सिस्टम से जुड़े होंगे, केवल उन्हीं की फिटनेस होगी।
दरअसल, पहले ही कमर्शियल वाहनों को जीपीएस और वीएलटीडी सिस्टम से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार आदेश दे चुकी है। बता दे कि, इस व्यवस्था को राज्य में वर्ष 2019 में लागू करने के आदेश दिए गए थे।
सरकार तब से कई बार रियायत दे चुकी है। राज्य में वीएलटीडी सिस्टम को परमिट की शर्त में भी शामिल किया जा चुका है। इसका उल्लंघन परमिट शर्त का भी उल्लंघन माना जाएगा।
वहीं दूसरी ओर जेएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल का कहना है कि सरकार के निर्देश पर अधिकांश यात्री वाहनों वीएलटीडी सिस्टम लगवा लिया है।