PCS परीक्षा का नहीं बदलेगा पैटर्न। शासन ने ठुकराया प्रस्ताव
उत्तराखंड में PCS परीक्षा का पैटर्न नहीं बदलेगा। शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के UPSC पैटर्न लागू करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। आगामी PCS परीक्षा पुराने पैटर्न से ही होगी। बुधवार को शासन ने इस संबंध में आयोग को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट कर दी।
दरअसल, राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूंकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिए अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिए अलग तैयारी करनी पड़ती है। कई राज्यों में राज्य व केंद्रीय सेवा की परीक्षाओं के पैटर्न एक समान हैं।
लिहाजा, आयोग ने भी यह प्रस्ताव शासन को भेजा था कि, राज्य के युवाओं के हित में PCS परीक्षा में UPSC का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए। इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेशभर से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं थीं। कई लोगों का ये कहना था कि अगर राज्य में भी केंद्र का UPSC पैटर्न लागू कर देंगे तो राज्य के युवाओं के लिए PCS की राह मुश्किल हो जाएगी।
यह भी मांग उठी थी कि अगर UPSC पैटर्न लागू करें तो इसमें उत्तराखंड से जुड़े प्रश्न पत्र अलग रखे जाएं। PCS परीक्षा पैटर्न को लेकर आयोग और शासन के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक भी हुई।
अब शासन ने तय किया है कि फिलहाल पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा। आगामी PCS परीक्षा उसी पैटर्न पर होगी। इसमें किसी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया गया है। अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को शासनादेश भेज दिया है।
इस पुराने पैटर्न पर होगी परीक्षा
PCS प्री परीक्षा : 150 अंकों का सामान्य अध्ययन और 150 अंकों का सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा।
PCS मुख्य परीक्षा : सात पेपर होते हैं। पहला भाषा का 300 अंकों का पेपर, दूसरा भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति का 200 अंकों का पेपर, तीसरा भारतीय राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध का 200 अंकों का पेपर, चौथा भारत एवं विश्व भूगोल का 200 अंकों का पेपर, पांचवां आर्थिक एवं सामाजिक विकास का 200 अंकों का पेपर, छठा सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का 200 अंकों का पेपर और सातवां सामान्य अभिरुचि एवं आचार शास्त्र का 200 अंकों का पेपर हैं। पीसीएस परीक्षा में भाषा के पेपर में कम से कम 35 अंक लाने जरूरी हैं।