लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविद्यालय सहित अन्य को नोटिस
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड में शिक्षा के लगातार गिरते ग्राफ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, भर्ती में योग्यता को 55% से घटाकर 40 प्रतिशत पर गिरा दिया गया है। इसके अलावा खंडपीठ ने हल्दूचौड़ के लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविद्यालय सहित अन्य लोगो को नोटिस भेजे हैं।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ में हल्द्वानी के हल्दूचौड़ निवासी पीयूष जोशी व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई की।
याचिका में उत्तराखंड सरकार, सचिव उच्च शिक्षा व अन्य को पार्टी बनाया था। पीयूष ने याचिका में कहा कि, हल्दूचौड़ के लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज में हुई नियुक्तियों के आदेश में पूर्व मंत्री के अयोग्य रिश्तेदारों और संबंधियों को एडजेस्ट कराया गया।
याची ने न्यायालय को बताया है कि, ऐसे छह लोग हैं जिन्हें एडजेस्ट किया गया है, जबकि जांच के बाद पता चलेगा कि कई और भी हो सकते हैं। याची ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से भी की है। लेकिन वहां से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
याचिकाकर्ता पीयूष ने न्यायालय से इन अयोग्य और अपात्र कर्मचारियों को तत्काल हटाकर योग्य और पात्र लोगों को काम देने की प्रार्थना की है। सभी नियुक्तियां वर्ष 2016-17 में हुई थी, जो कांग्रेस शासनकाल था।
बताया जा रहा है कि, पूर्व मंत्री उस दौरान निर्दलीय विधायक थे और उनके पास श्रम मंत्रालय था और वो पावर में थे।