बड़ी खबर: रेलवे की जमीन हुई कब्जा मुक्त। भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के घर के बाहर गाडे पिलर

रेलवे की जमीन हुई कब्जा मुक्त। भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के घर के बाहर गाडे पिलर

रिपोर्ट- सलमान मलिक
रुड़की के ढंढेरा क्षेत्र के अशोक नगर में पिछले लंबे समय से रेलवे की जमीन पर लोगों ने कब्जा किया हुआ था, जिसको लेकर आज रेलवे की टीम ढंढेरा के अशोक नगर पहुँची और रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त करते हुए वहां सीमेंट के पिलर लगा दिए गए।

इस दौरान टीम ने क्रिकेटर ऋषभ पंत के दरवाजे के समीप भी पिलर लगा दिए हैं, इस दौरान कुछ व्यक्तियों ने विरोध भी किया लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने सख्ती करते हुए जमीन पर पिलर लगा दिए हैं।

बता दें कि, ढंडेरा रेलवे स्टेशन के दक्षिणी हिस्से में रेलवे की बेशकीमती जमीन पड़ी हुई है, पूर्व में भी रेलवे की ओर से यहां पर पिलर लगाकर अपनी भूमि को सुरक्षित किया गया था, लेकिन आबादी बढ़ने के साथ ही यहां पर रेलवे की भूमि पर भी लगातार अतिक्रमण हो रहा है।

कुछ संस्थाओं की ओर से रेलवे की भूमि पर पार्किंग बना दी गई है, इसके अलावा यहां पर कुछ व्यक्तियों द्वारा गोबर एवं कूड़ा डाला जा रहा है, इतना ही नहीं कई व्यक्तियों ने रेलवे की भूमि की ओर अपने गेट लगा दिए है, जिससे उनका आवागमन इस ओर हो रहा है।

भूमि पर अतिक्रमण को लेकर रेलवे की ओर से कई बार कोशिश की गई, लेकिन अतिक्रमण नहीं हट सका। पिछले माह भी अतिक्रमण हटाया जाना था, लेकिन हरिद्वार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने के चलते पुलिस बल नहीं मिल पाया था।

दरअसल, बुधवार को रेलवे के वरिष्ठ खंड अभियंता ब्रजमोहन सिंह के नेतृत्व में रेलवे सुरक्षा बल, सिविल लाइन कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई, इसके बाद भूमि पर अतिक्रमण को चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरु की गई, जब रेलवे के अधिकारियों ने इस संबंध में प्रक्रिया शुरु की तो कुछ व्यक्तियों ने हंगामा शुरु कर दिया।

लेकिन रेलवे की सख्ती के आगे उनकी एक ना चली, इसके बाद टीम ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत के घर के दरवाजे और स्कूल के बाहर भी करीब आधा दर्जन से अधिक पिलर लगा दिए।

रेलवे के अधिकारियों ने सभी को चेतावनी दी कि यदि किसी ने पिलर को हटाने की कोशिश की तो उसके के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं रेलवे की ओर से यहां पर कर्मचारियों को भी निगरानी पर लगा दिया गया है।

रेलवे के वरिष्ठ खंड अभियंता ब्रजमोहन सिंह का कहना है कि, कई बार नोटिस के बाद भी लोगों ने रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त नही किया। इसलिए मजबूरन रेलवे की ज़मीन को लोगों से आज कब्जा मुक्त किया गया, ताकि कोई भी अनाधिकृत से कब्जा ना कर सके।