UKSSSC भर्ती घोटाले में धामी सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हाईकोर्ट। ठुकराई सीबीआई जांच की मांग
– राजनीतिक माइलेज लेने के कांग्रेस के मंसूबों पर फिरा पानी
नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में हुए UKSSSC भर्ती घोटाले को लेकर विधायक और कांग्रेस नेता भुवन कापड़ी की सीबीआई जांच की मांग की याचिका को खारिज कर दिया। बुधवार को हाईकोर्ट के न्यायधीश संजय मिश्रा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट राज्य सरकार की ओर से इस मामले में की जा रही जांच से संतुष्ट थी। कोर्ट ने माना कि जब राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले मामले में एक के बाद एक गिरफ्तारियां की हैं और मामले की जांच चल रही है तो ऐसे में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि, जब राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले मामले में एक के बाद एक गिरफ्तारियां की हैं और मामले की जांच चल रही है तो ऐसे में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है। लिहाजा कोर्ट में कापड़ी की याचिका को ठुकरा दिया।
इस मामले में कोर्ट ने 12 अक्टूबर को सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली जबकि विपक्ष को राजनीतिक माइलेज लेने के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापडी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ आरबीएस रावत को गिरफ्तार किया। अभी भी सरकार बड़े लोगो को बचा रही है। ऐसे ही नकल करने से सम्बंधित मामले में 2020 में मंगलोर व पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी कोई कार्यवाही नही हुई। विधायक कापड़ी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधानसभा मे इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। सरकार ने जांच एसटीएफ को दे दी।
सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा गया था कि इस मामले में 80 प्रतिशत जांच पूरी हो चुकी है। 46 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। 28 से 30 के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। एसटीएफ की जांच में संदेह नही है।
खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन याचिका दायर कर कहा है कि, UKSSSC परीक्षा में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं, छोटे छोटे लोगो की हुई है जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नही हुई है।
इसमे उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी व नेता शामिल है। सरकार उनको बचा रही है, इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए। 2021 में यह परीक्षा हुई थी। 22 जुलाई 2022 को अनुसचिव राजन नैथानी ने रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
एफआईआर में कहा गया है कि, व्हाट्सअप मेसेज से अभ्यर्थियों को प्रशन हल कराए गए। एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जाँच की शुरुआत की।