21 वर्षों में विधायकों का वेतन 15 गुना बढ़ा, अन्य भत्तों में भारी बढ़ोत्तरी। पढ़ें….
अगर आप यह सोच रहे हैं कि, आपने जिस जनप्रतिनिधि को चुना है वह सेवा कर रहा है,तो यह आप ग़लत सोच रहे हैं। उत्तराखंड में विधायक को एक दिन की जनसेवा का इतना पैसा मिलता है, जितना तो पूरा जिला चलाने वाले डीएम को भी नहीं मिलता है।
उत्तराखंड सरकार पर हर साल कर्ज का बोझ बढ़ने के बाद भी विधायक और मंत्रियों के सैलरी और वेतन भत्ते लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आम कर्मचारी अधिकारी के वेतन भत्तों में चाहे मामूली वृद्धि ही हुई हो, लेकिन उत्तराखंड के माननीयों के वेतन भत्तों में भारी वृद्धि हुई हैै।
उत्तराखंड गठन से 2021 तक 21 वर्षोें में विधायकों का वेतन 15 गुना हो गया है, जबकि अन्य भत्तों में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई हैै। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को विधानसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से विधायकों के वेतन भत्तों की दरों व उसमें संशोधन की सूचना मांगी थी। विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी/उपसचिव लेखा हेम चन्द्र ने अपने पत्रांक 494 से सूचना उपलब्ध करायी।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड गठन के समय 09-11-2000 को विधायकों का वेतन 2000 रू .प्रतिमाह था जो 01 अप्रैल 2017 से बढ़़कर पन्द्रह गुना 30 हजार रूपये प्रतिमाह होे गया। उत्तराखंड गठन के चौथे साल में 01 अप्रैल 2004 से इसे 3000, नवें साल में 01-04-2009 से 5000 तथा 01-01-2014 से 10 हजार किया गया था।
विधायकोें को मिलने वाले निर्वाचन क्षेत्र भत्ते की दर 5000 से तीस गुना बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपये कर दी गयी हैै। 09-11-2000 को निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 5000 था, 01-04-2014 से इसे 7500रू, 01-01-2015 से 15 हजार, 01-04-2009 से 30000 रू, 01-01-2014 से 60 हजार तथा 01-04-2017 से बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपये कर दिया गया हैै।
उत्तराखंड गठन के समय विधायकों को चालक भत्ता नहीं मिलता था। 01-01-2014 से 3 हजार रूपये मिलना प्रारंभ हुआ जिसे 01-04-2017 से बढ़ाकर चैैगुना 12 हजार रूपये कर दिया गया है।
उत्तराखंड गठन के समय 1 हजार रूपये की दर से मिलने वाले सचिवीय भत्ते को 12 गुना बढ़ाकर 01-04-2017 से 12 हजार कर दिया गया हैै। 01-04-2004 से इसे 2500 रू., 01-11-2005 से 6000 तथा 01-04-2017 से 12 हजार कर दिया गया है।
उत्तराखंड गठन के समय 1000 रू. की दर से मिलने वाले चिकित्सीय भत्ते को 01-01-2014 से समाप्त कर दिया गया है। रू. 300 की दर से मिलने वाले मकान किराये भत्ते में 01-11-2005 से कोई वृद्धि नहीं की गयी है।
उत्तराखंड गठन के समय रू. 200 प्रतिदिन की दर से मिलने वाले जनसेवा भत्ते को दस गुना बढ़ाकर 2000 रू. प्रतिदिन कर दिया गया हैै। इसे 01-04-2004 से 250 रू. प्रतिदिन , 01-04-2009 से 1 हजार रू. तथा 01-01-2014 से 2 हजार रूपये प्रतिदिन किया गया हैै।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार विधायकों के रेलवे कूपन व डीजल पेट्रोल भत्ते में भी भारी बढ़ोत्तरी की गयी हैै। उत्तराखंड गठन के समय इसकी दर 93 हजार रू. प्रतिवर्ष थी, जिसमें 60 हजार रू. को नकद डीजल पेट्रोल भत्ते के रूप में प्राप्त किया जा सकता था। 01-04-2004 से इसे 1 लाख 20 हजार कर दिया गया जिसमें 96000 पेेट्रोल डीजल भत्ता नकद था।
इसेे पुनः बढ़ाकर 01-11-2005 से 1 लाख 50 हजार (जिसमें 1,20,000 पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) कर दिया गया। इसे पुनः 01-05-2008 से बढ़ाकर 2 लाख (जिसमें 1.80 लाखा पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) तथा 01-01-2014 से 3 लाख (जिसमें 2.70 लाख पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) कर दिया गया है। इसे 01-04-2017 से बढ़ाकर 3,55,000 रू कर दिया गया है, जिसमें से 3,25000 पेट्रोल/डीजल भत्ते के रूप में नकद प्राप्त किया जा सकता हैै।