बड़ी खबर: भूसे की कीमतों में भारी उछाल के बाद भंडारण पर लगी रोक। देखें आदेश

भूसे की कीमतों में भारी उछाल के बाद भंडारण पर लगी रोक। देखें आदेश

राज्य में पशुओं हेतु उपयोग में लाये जाने वाले भूसे की कीमतों में भारी उछाल को देखते हुए अनावश्यक भण्डारण एवं राज्य से बाहर परिवहन पर रोक लगाये जाने के सम्बन्ध में।

अवगत कराना है कि, उत्तराखण्ड राज्य के पशुपालकों द्वारा पशुओं के सूखे चारे के रूप में मुख्य रुप से गेहूँ के भूसे का उपयोग किया जाता है। हर वर्ष अप्रैल माह के द्वितीय पक्ष तथा मई माह में गेहूँ की फसल की कटाई के बाद भूसे की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होती है तथा इसी समय भूसा न्यूनतम बाजार भाव पर उपलब्ध होता है।

उन्नतशील पशुपालकों तथा निराश्रित/अलाभकर गोवंश को शरण देने हेतु समर्पित गोसदनों द्वारा इसी समय अपनी आवश्यकता के अनुरूप अधिकाधिक भूसा क्रय कर संग्रहीत कर लिया जाता है। हरियाणा एवं अन्य राज्य द्वारा दूसरे राज्य को भूसे की आपूर्ति पर रोक लगाने के कारण भूसे की दरों में अत्यधिक उछाल आ गया है।

 

गत वर्षों में गेहूँ की फसल की कटाई के बाद भूसे का औसतन बाजार भाव लगभग रू.400 से रू. 600रू0 प्रति कुन्तल पर उपलब्ध होता था, जो कि वर्तमान समय में बढ़कर रू. 900 से रू.1,300रू0 प्रति कुन्तल हो गया है।

पशुपालकों द्वारा अवगत कराया गया है कि, हरियाणा एवं अन्य राज्यों द्वारा भूसे पर रोक लगाने के कारण उत्तराखण्ड राज्य में भी भूसे की अत्यन्त कमी हो रही है। संज्ञान में आया है कि कतिपय व्यापारियों द्वारा भूसे को बड़ी मात्रा में अनावश्यक रूप से भण्डारण किया जा रहा है। भूसे की कमी के कारण उत्पन्न विकट परिस्थितियों में पशुस्वामियों द्वारा बड़ी संख्या में पशुओं को परित्यक्त किये जाने की आशंका है, जिस कारण कृषि उपज को हानि, सड़क परिवहन में अवरोध / दुर्घटनाएं तथा कानून व्यवस्था को चुनौती पैदा होने की भी आशंका है।

अतः आवश्यक है कि यह सुनिश्चित करें कि पशुओं के लिये पर्याप्त मात्रा में उचित दरों में भूसा / चारा उपलब्ध हो, जिसके लिए निम्नलिखित कार्यवाही की जानी नितान्त आवश्यक है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत –

1. भूसा को ईंट भट्टा एवं अन्य उधोगों में इस्तेमाल ना किया जाय एवं इस हेतु इन उधोगों को भूसा विक्रय पर आगामी 15 दिन तक रोक लगायी जाये।

2. भूसा विक्रेताओं द्वारा भूसे का अनावश्यक भण्डारण एवं काला बाजारी पर रोक लगायी जाये।

3. जनपद में उत्पादित भूसे को राज्य से बाहर परिवहन पर तत्काल एक पक्ष हेतु रोक लगा दी जाय।

4. जिलों में पुराल जलाने पर तत्काल रोक लगायी जाये।

कृपया उपरोक्तानुसार अपेक्षित है कि तद्नुसार यथोचित कार्यवाही जिलाधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।