राजकीय मेडिकल कॉलेज में सीनियर ने जूनियर को जड़ा थप्पड़। इंटरर्नशिप से निष्कासित, अभिभावक तलब
हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में बीते दिनों से आज अराजकता की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पहली घटना मार्च में हुई थी, जब एमबीबीएस के छात्रों को गंजा कर परिसर में घुमाया गया।
शुक्रवार को सामने आए मामले में सीनियर ने जूनियर को थप्पड़ जड़ दिया। फिलहाल मामले को मारपीट से जोड़कर त्वरित कार्रवाई कर इंटर्न को इंटरर्नशिप से निष्कासित कर दिया गया है।
जूनियर छात्र का आरोप था कि, इंटर्न डॉक्टर ने उसे नमस्ते न कहने पर टोका था, इस बात पर बहस हुई तो इंटर्न ने तैश में आकर उसे थप्पड़ मार दिया। ऊपर से एंटी रैगिंग कमेटी के समक्ष जूनियर छात्र ने इंटर्न डॉक्टर पर रैगिंग का आरोप भी लगाया है।
हालांकि, मामले में मारपीट के तहत ही इंटर्न डॉक्टर पर कार्रवाई हुई है। अब ये जांच के बाद ही सामने आएगा कि, असल में ये केवल मारपीट थी या रैगिंग का एक और नया मामला।
रातभर होस्टल में पड़े छापे
मारपीट की सूचना पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी समेत वार्डन और अन्य लोगों ने बीती गुरुवार रात को हॉस्टल में ताबड़तोड़ छापे मारे। जूनियर छात्र के कमरे में पहुंचने पर उससे पूछताछ की गई। कमरे का निरीक्षण करने पर वहां तोड़फोड़ के भी सबूत मिले। इसी को लेकर अनुशासन समिति ने अर्थदंड की सीमा 30 हजार कर दी।
समझौते को राजी
मामले में रैगिंग के एंगल से जांच को लेकर शुक्रवार शाम को कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई। जिसमें अनुशासन समिति द्वारा लिए गए निर्णय को सही ठहराया गया।
इस दौरान इंटर्न डॉक्टर पर मामले में मुकदमा दर्ज कराने की बात भी हुई। लेकिन दोनों ने कहा कि, वे आपस में सुलझ-समझौता करने को तैयार हैं। इस पर कमेटी ने कहा कि, यदि समझौता नहीं होता है तो इंटर्न के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
हॉस्टल से इंटर्न निष्कासित
अनुशासन समिति के समक्ष इंटर्न डॉक्टर और एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्र को बुलाया गया। जहां दोनों के लिखित बयान लिए गए। तमाम आरोपों की पुष्टि होने के बाद समिति ने इंटर्न डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे हॉस्टल से निष्कासित कर दिया। साथ ही उसके अभिभावकों को भी तलब किया गया है।