पीडब्ल्यूडी में ट्रांसफर के नाम पर गड़बड़झाला
ट्रांसफर सत्र से पहले पीडब्ल्यूडी में सारे मानकों को ताक पर रख तबादलों का खेल शुरू हो चुका है। जहां अपने चहेते इंजीनियरों को अपने पास चिपका कर रखने की मशक्कत की जा रही है, तो वही दूसरों को इधर-उधर भटकाने की तैयारी जारी है।
पीडब्ल्यूडी सुगम व दुर्गम के मानकों को भी ताक पर रखकर तबादलों का खेल-खेल रहा है। दरअसल, राजधानी देहरादून निवासी एडवोकेट विकास नेगी ने तबादलों में चल रहे इस झोल मोल की शिकायत प्रमुख अभियंता को भेजी है।
उन्होंने इस संबंध में त्वरित कार्रवाई न होने पर न्यायालय की शरण में जाने की बात कही है। उन्होंने प्रमुख अभियंता को भेजे पत्र में अवगत कराया है कि, लोनिवि में सुगम व दुर्गम के मानकों का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा। तमाम अभियंता सालों से देहरादून में डटे हैं और जिन अभियंताओं की अफसरों के बीच पैठ नहीं है, उन्हें सालों बाद भी दुर्गम से सुगम में नहीं लाया जा रहा।
पत्र में विशेषकर प्रांतीय खंड नई टिहरी का उदाहरण दिया गया है। कहा गया है कि, एडीबी विंग की समाप्ति के बाद कई अभियंताओं को यहां मर्ज कर दिया गया है। इससे एक खंड में अभियंताओं की संख्या बढ़ गई है।
अभियंताओं की संख्या को कम करने के लिए आठ-नौ साल से जमे अभियंताओं को हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही। वहीं, चार-पांच साल से सेवा दे रहे अभियंताओं को स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है।
खंड में तैनात तीन महिला कार्मिकों को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि, महिला कार्मिकों के पास पर्याप्त काम भी नहीं है। फिर भी अभियंता अनुपात को संतुलित करने के लिए अटपटे नियम अपनाए जा रहे हैं।
विभिन्न अन्य खंडों में भी अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर तैनाती की तैयारी कर रहे हैं। अधिवक्ता ने मांग उठाई है कि, इस सबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।