सड़को पर बेलगाम दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, दुर्घटनाओं को दे रहे न्योता। बेखबर प्रशासन

सड़को पर बेलगाम दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, दुर्घटनाओं को दे रहे न्योता। बेखबर प्रशासन

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार की सड़कों पर चौबीसों घंटे दौड़ रहे खनन सामग्री के ओवरलोड वाहन हादसों को न्योता दे रहे हैं। प्रशासन के द्वारा समय-समय पर अन्य वाहनों पर कार्यवाही की जाती है, लेकिन गन्ने व रेत से लदे वाहनों पर कार्यवाही बहुत कम की जाती है।

सिडकुल बहादराबाद हाईवे पर सामान्य वाहनों की अपेक्षा ओवरलोड वाहनों की संख्या अधिक है, जिनके कारण आए दिन सड़क हादसे होते हैं। एक मामला हरिद्वार के श्यामपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां खनन सामग्री के ओवरलोड डंपर और बाइक की भिड़ंत से हुए हादसे में पिता और पुत्र की मौके पर ही मौत हो गयी।

इतना ही नहीं बीते कुछ दिन पहले एक अवैध खनन के डंपर ने पुलिस की गाड़ी को टक्कर मार दी थी, जिसमें एक पुलिसकर्मी को अपनी एक टांग गवानी पड़ी। ऐसे में अब राहगीर प्रशासन से ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

राहगीरों ने प्रशासन से ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही की मांग की है। उनका कहना है कि, सड़कों पर बड़ी संख्या में ओवरलोड वाहन चलते हैं, मगर उस पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इस कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है, प्रशासन को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे कोई भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

आरटीओ सुरेन्द्र सिंह नेगी का कहना है कि, विभाग के द्वारा तेज गति से चलने वाले वाहन और ओवरलोडिंग वाहनों पर समय-समय से कार्यवाही की जाती है। इनका कहना है कि, नियमित रूप से यह देखा जाता है कि, अगर कोई वाहन ओवरलोडिंग पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

ऐसे वाहनों पर विभाग के द्वारा पहले भी कार्यवाही की जा चुकी है और वर्तमान में भी कार्यवाही की जाएगी। इससे अलग रोड सेफ्टी के जो नियम है, उनके विरुद्ध वाहन चलाया जाता है, तो उन पर भी कार्रवाई की जायेगी।

प्रशासन द्वारा लाख दावे किए जाते हैं कि, उनके द्वारा ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। मगर छोटी-मोटी कार्रवाई कर प्रशासन अपनी पीठ थपथपाता है और इन ओवरलोडिंग वाहनों की चपेट में आने से कई लोग मौत के आगोश में सो चुके हैं।

अब देखना होगा प्रशासन द्वारा इन ओवरलोडिंग वाहनों पर कितनी सख्त कार्रवाई की जाती है, जिससे लोगों की जान बचाई जा सके।