सीएमओ ने दी अनुबंध निरस्त करने की संस्तुति, आंदोलनकारी आत्मदाह पर अडिग
डोईवाला। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं चिकित्सालय डोईवाला का निजी अस्पताल से अनुबंध समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले 34 दिनों से धरने पर बैठे उत्तराखंड क्रांति दल के आंदोलनकारियों से मिलने आज सीएमओ मनोज उप्रेती आए और उनसे विस्तार से वार्ता की।
यूकेडी नेताओं से मुलाकात करने के बाद देहरादून के सीएमओ मनोज उप्रेती ने कहा कि, अस्पताल का कार्य संतोषजनक न होने के कारण और आंदोलनकारियों की भावना को देखते हुए वह अनुबंध समाप्त करने की संस्तुति शासन और महानिदेशक को भेज देंगे और संस्तुति करेंगे कि, अस्पताल का संचालन पूर्व की तरह ही सरकारी नियंत्रण में हो जाए।
एग्रीमेंट की सेवा शर्तों को विस्तार से सीएमओ के सामने रखने के बाद यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने सीएमओ से दो टूक कह दिया कि, आंदोलन और अनशन तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक सरकारी अस्पताल का अनुबंध निजी अस्पताल से खत्म नहीं हो जाता।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव केंद्रपाल सिंह तोपवाल ने बताया कि, सोमवार को सुनिश्चित किया गया आत्मदाह का फैसला सीएमओ की स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
यदि तीन दिन में अनुबंध निरस्त नहीं हुआ तो शासन-प्रशासन को कोई दूसरा अल्टीमेटम दिए बगैर बृहस्पतिवार को आत्मदाह किया जाएगा।
उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि, यदि यूकेडी नेताओं के बलिदान से अनुबंध निरस्त होता है तो उन्हें इस बलिदान से खुशी होगी।
इधर यूकेडी के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष धर्मवीर सिंह गुसाईं को अनशन स्थल से जबरन उठाए जाने के बाद वरिष्ठ यूकेडी कार्यकर्ता तथा होटल वर्कर्स यूनियन के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष सुमन बडोनी अनशन पर बैठ गए हैं। आज उनके आमरण अनशन का दूसरा दिन था। इसके साथ ही उप जिलाधिकारी को भी इसकी सूचना एक ज्ञापन के माध्यम से दे दी गई है।
अनशन पर बैठे आंदोलनकारी सुमन बडोनी ने कहा कि, वर्तमान में डोईवाला अस्पताल या तो ट्रेनी डॉक्टरों की प्रयोगशाला बन चुका है अथवा रेफर सेंटर बनकर रह गया है।
आंदोलन स्थल पर आज जीवानंद भट्ट, वीरेंद्र थापा, विनोद जुयाल, संदीप रांगड़, विमला देवी, सावित्री कुड़ियाल, बिना नेगी, लक्ष्मी लखेड़ा, अंकित सिंह बिष्ट, धर्मपाल, परमेश्वरी, संगीता मेहता, केएस गुसाईं, रमेश उनियाल, एके मौर्य, श्यामलाल वेद आदि स्थानीय लोग शामिल थे।