गजब: पर्यावरण मित्रों का आरोप। ठेकेदार डकार रहा पीएफ का पैसा, न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर

पर्यावरण मित्रों का आरोप। ठेकेदार डकार रहा पीएफ का पैसा, न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर

टिहरी जनपद के नगर पंचायत चमियाला में कार्यरत पर्यवारण मित्रो ने बड़ा आरोप लगाया है।

उनका कहना है कि, काफी लंबे समय से उनके पीएफ का पैसा ठेकेदार द्वारा उनके पीएफ खाते में जमा नहीं किया गया है, जिसके लिए वे दर-दर भटक रहे है।

उनका यह भी आरोप है कि, इस मामले में उन्होंने नगर पंचायत चमियाला में अधिशासी अधिकारी से लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष को कई बार अपनी समस्या बताई, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है। उनके हक का उनका पीएफ का पैसा उन्हें नहीं मिला।

यही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, उनका महीने का वेतन भी उन्हें समय पर नहीं मिलता है, इसके अलावा उन्हें जून महीने का वेतन भी अभी तक नहीं मिला है।

पर्यावरण मित्र जयप्रकश का कहना था कि, वे सुबह से शाम तक कार्य करते है, परंतु उनकी समस्या की सुनवाई नहीं होती। वही उन्होंने इस बात का भी आरोप लगाया कि, उन्हें वेतन भी पूरा नहीं मिलता है।

साथ ही साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, उन्हें नौकरी से निकालने की भी धमकी दी जाती है। आपको बता दें कि, उनके पीएफ का यह पैसा ठेकेदार द्वारा उनके खाते में जमा नही किया गया है। जिस पर सभी बहुत परेशान है, जबकि अब वह ठेकेदार यहाँ अपनी सेवाएं नहीं दे रहे है।

वही नगर पंचायत चमियाला में कार्यरत कर्मी विशन सिंह पंवार ने कहा कि, उनके द्वारा जब भी पूर्व ठेकेदार से इस बारे में बात की जाती है या तो वह फोन नहीं उठाते है, अगर फोन उठा भी देते है, तो उनके साथ अभद्रता करते है। अब वह क्या करे?

इस मामले में हमने नगर पंचायत अध्यक्ष से बात कर उनसे जवाब जानना चाहा तो उनका कहना था कि, इस बारे में अधिशासी अधिकारी से बात करो।

आपको बता दे कि, अब नगर पंचायत चमियाला के अधिशासी अधिकारी भी बदल चुके है, जिनके कार्यकाल का यह मामला है तथा वह ठेकेदार भी अब अपनी सेवा यहाँ पर नहीं दे रहे। ऐसे में इन कर्मियों का पीएफ का पैसा कौन उन्हें देगा।

हमने इस मामले में उपजिलाधिकरी से बात की तो उनका कहना था कि, इस मामले की शिकायत उनके पास नहीं पहुंची है, अगर शिकायत आयेगी तो वह अपने स्तर से कार्यवाही करेंगे।

सभी जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस मामले में अपना पल्ला झाड़ रहे है। सवाल यह है कि, नगर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी उठा रहे इन पर्यवारण मित्रो के साथ कौन न्याय करेगा!