265 से अधिक गाँव की एक तहसील में पेयजल व शौचालय व्यवस्था ठप। ग्रामीण परेशान
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
पौड़ी। वर्ष 2006 में ब्लाक द्वारीखाल, एकेश्वर, जयहरीखाल की मुख्यालय से दूरी को देखते हुए सतपुुली को पृथक तहसील का दर्जा दिया गया। इन दोनों तहसीलों के ग्रामीण क्षेत्रों की पौड़ी से दूूरी 150 से 200 किमी है।
पौड़ी पहुंचने में यहां के लोगों को सात से आठ घंटे का समय लगता है। तहसील बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। विगत 15 वर्षों से चल रही सतपुली तहसील के अंतर्गत लगभग 265 गांव आते हैं।
यहाँ ऑनलाइन राशन कार्ड बनाए जाते हैं, वहीं आधार कार्ड बनाने से लेकर आधार में किसी भी प्रकार के बदलाव करवाने के लिए द्वारीखाल, कल्जीखाल, जयहरीखाल, चौबट्टाखाल, पोखड़ा और एकेश्वर तक के लोग यहाँ पर आते हैं।
साथ ही आये दिन धरना प्रदर्शन, ज्ञापन व तहसील संबंधी अन्य जरूरी कागजात बनवाने के लिए लोगो का बड़ी संख्या में आना जाना लगा रहता है।
चौकाने वाली बात ये है कि, यहाँ पर आज तक शौचालय व पेयजल व्यवस्था नही है, जिससे यहाँ पर आने वाले लोगो व कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान बोसॉल विकास रावत ने कहा कि, जब यहाँ के कर्मचारियों के लिए तक शौचालय नहीं है तो आने जाने वाले लोगों के लिए कहाँ से होगा। इस सम्बन्ध में कई बार प्रशासन के साथ-साथ विधायक से भी कई बार कहा गया, लेकिन इस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है।
सुमित रावत अधिवक्ता ने बताया कि, यह तहसील तक़रीबन 5 ब्लाकों का केंद्र बिंदु है और 15 साल होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। किसी भी जनप्रतिनिधी ने कोई सुध नहीं ली है।
उपजिलाधिकारी सतपुली संदीप कुमार का कहना है कि, शौचालय और पानी के लिए बजट की मंजूरी हो चुकी है और जल्द ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा।