कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में उच्च न्यायालय ने सरकार से मांगा जवाब
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुम्भ मेले में कोरोना टेस्टिंग के फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत और मलिका पन्त की तरफ से दायर याचिकाओ पर सुनवाई की।
न्यायालय ने मामले को सुनने के बाद कल भी सुनवाई जारी रखी है। न्यायालय ने कल तक सरकार से जवाब पेश करने को कहा है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की एकलपीठ में हुई। याचिकाकर्ताओ की तरफ से कहा गया कि, उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए, क्योंकि पुलिस उनको गिरफ्तार करने जा रही है, परन्तु न्यायालय ने सरकार से इसमे कल तक जवाब पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार शरद पन्त और मलिका पन्त ने याचिका दायर कर कहा था कि, वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था।
इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था।
इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टॉलों ने जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दे दी। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था, तो कुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे।
हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि, कुंभ मेले के दौरान इन्होंने लाभ उठाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए।
वर्ष 2021को एक व्यक्ति ने सी.एम.ओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि, कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबो द्वारा उनकी आई.डी और फोन नंबर का उपयोग किया है। जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने के लिए कोई रजिस्ट्रेशन या सैम्पल नही दिया गया।