दुःखद: बाघ के आतंक से दहशत में ग्रामीण। एक दिन में कई भेड़-बकरियों को बनाया निवाला

बाघ के आतंक से दहशत में ग्रामीण। एक दिन में कई भेड़-बकरियों को बनाया निवाला

 

उत्तरकाशी। मोरी विकासखंड के गोविंद वन्य जीव विहार व राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र के अंतर्गत विगत सप्ताह से जंगली जानवरों के आतंक से भेड़ बकरी पालक खासे परेशान हैं। गत शनिवार को एक दिन में ही लगभग एक दर्जन से अधिक भेड़ बकरियों को बाघ ने अपना निवाला बनाया, जिससे काश्तकारों में भय का माहौल बना है।

मोरी के गोविंद वन्य जीवविहार पार्क क्षेत्र के पँचगाईं पट्टी के भराटसर क्षेत्र में बिस्कुपड़ी बुग्याल में क्षेत्र के लिवाड़ी गांव के भेड़ बकरी पालक हरवान सिंह की 3 बकरियां, अनिल सिंह की 4 बकरियां, कलगी राम व बुद्धि राम सहित कई लोगों की एक दिन में 17 बकरियों से अधिक मवेशियों को बाघ ने अपना निवाला बना डाला, जिससे भेड़ बकरी पालकों में खासी चिंता बनी हुई है।

लिवाड़ी गांव के समाजसेवी त्रेपन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि, आजकल ग्रामीणों की भेड़ बकरियां अपने ही क्षेत्र के बुग्यालों में चरान-चुगान के लिए गयी हैं। पार्क क्षेत्र में जंगली जानवरों का तो संरक्षण हो रहा है, लेकिन कास्तकारों की मवेशियों को जो इतना नुकसान हो रहा है, उसके लिए पार्क प्रशासन व सरकार की ओर से कुछ भी ठोस व पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं।

जिसका खामियाजा भेड़ बकरी पालकों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि, क्षेत्र के 60 प्रतिशत से भी अधिक लोगों का यह पैतृक व आजीविका का साधन है, लेकिन ऐसी घटनाएं होने पर मवेशियों के नुकसान से कुछ भी भरपाई नहीं होने पर कास्तकारों में खासी निराशा हो रही है।

वही पार्क के उपनिदेशक डीपी बलूनी ने कहा कि, मेरे संज्ञान में अभी ये मामला नहीं आया है। भेड़-बकरी पालकों का जंगली जानवरों से जो नुकसान होगा, नियमों के अनुरूप विभागीय मदद की जाएगी।