बड़ी खबर: चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट की रोक। डॉक्टरों के स्टाइपेंड पर सरकार को आदेश

चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट की रोक। डॉक्टरों के स्टाइपेंड पर सरकार को आदेश

 

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यावथाओं व चारधाम यात्रा शुरू करने के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए। चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को कोर्ट ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि, रोक तब तक जारी रहेगी जब तक सुप्रीम कोर्ट से कोई आदेश जारी नही होता।

आज न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि, सरकारी अस्पतालों में खाली पड़े पदों पर सरकार द्वारा अभी तक क्या कदम उठाए गए है, कितने पद डॉक्टरों, नर्सो, टेक्नीशियन अन्य स्टाफ के खाली पड़े है, इनको भरने के सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है। न्यायालय ने जिला अस्पतालों में एम्बुलेंस की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

न्यायालय ने पूछा है कि, कितने एम्बुलेंस जिला अस्पतालों में है, कितने चालू हालात में है, उनका लाइसेंस है या नही कितने अन्य की जरूरत है। वही कोर्ट ने राज्य में चल रहे वैक्सीनेशन को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को इसे व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है।

कोर्ट ने कहा कि, जितने भी वेक्सीनेशन सेंटर बनाये गए है वे पर्याप्त नही है। विकलांग व अपाहिज लोगो को वेक्सीनेशन लगाने के लिए सरकार क्या कर रही है ।
इंटर्न डॉक्टरों के स्टाइफण्ड के मामले पर कोर्ट ने कहा कि, डॉक्टर इस दौरान मेंटली, फिजिकली एकोनॉमकली और साइकोलॉजिकली परेशान है, सरकार उनके स्टाइफण्ड बढ़ाने के लिए क्या कर रही है।

कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि, जो 300 सैम्पल डेल्टा वेरियंट के भेजे थे, उनका क्या हुआ। अभी तक कोरोना से कितनी मौते हुई है। कोर्ट ने इन सभी बिंदुओं पर 18 अगस्त तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की है।

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिवभट्ट ने कोर्ट से कहा कि, सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर जो एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में पेश की है, उसमें अभी तक सुनवाई नही हुई है। लिहाजा चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को आगे बढ़ाया जाए।

इस पर सरकार की सहमति पर चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया है। जब तक एसएलपी में कोई आदेश पारित न हो जाता हो।स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि, प्रदेश में 95 ब्लॉक है अभी उनके पास 108 के 54 एम्बुलेंस है अभी उनको 41 और एम्बुलेंस की आवश्यकता है। जिसकी रिकमेंडेशन स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार को भेज रखी है।

कोर्ट ने जब जिला अस्पतालों में कितने एम्बुलेंस है पूछा तो सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक ऊतर नही दिया गया। इंटर्न डॉक्टरों के स्टाइफण्ड बढ़ाने के मामले में स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि, यह मामला अभी विचाराधीन है। कोर्ट ने वीकेंड पर पर्यटन स्थलों में बढ़ रही भीड़ को लेकर चिंता जाहिर की।

कोर्ट ने सरकार से कहा कि, जिला अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि, पर्यटन स्थलों की क्षमता के अनुसार जांच के उपरांत ही पर्यटकों को आने दिया जाय। नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक एसओपी का पालन नही कर रहे है, शेष 25 प्रतिशत समाजिक दूरी का। इसी की वजह से पिछले सप्ताह नैनीताल में 10 कोविड पॉजिटिव केस मिले।

एक पर्यटक द्वारा महिला पुलिस के साथ मारपीट की गई। सरकार ने उस पर कोई कार्यवाही नही की, अभी तक कितने ऐसे लोगो के खिलाफ मुदकमा दर्ज किया 18 तक कोर्ट को भताएँ। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, सहित कई लोगो ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओ, कोविड से लड़ने, वेक्सिनेशन लगाने हेतु विभिन्न जनहित याचिकाएं दायर की गई है।