गजब: अक्षय ऊर्जा के नाम पर काटे हजारों पेड़, कब्जाई जमीन। ग्रामीणों का जीना मुहाल

अक्षय ऊर्जा के नाम पर काटे हजारों पेड़, कब्जाई जमीन। ग्रामीणों का जीना मुहाल

रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल। एक तरफ तो पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मनाता है और प्रदेश हरेला पर्व के नाम पर हजारों की संख्या में पेड़ लगाता है। वही दूसरी ओर पहाड़ो में अक्षय ऊर्जा के नाम पर हजारों पेड़ो को बेदर्दी से काट दिया गया। विभाग खुली आँखों से देख रहा है और देखकर भी अनदेखा कर रहा है। कारण चंद सोने के सिक्के

कहना ग्रामीणों का सौर ऊर्जा प्लांट के नाम पर हमारे गौचर व राजस्व भूमि चारागाह बाहरियों ने कब्जा दिए। अमीन द्वारा कब्जे की रिपोट सही पाई गई थी परन्तु बड़ी पहुंच के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग्रामीणों का कहना कि, किसी बड़े अधिकारी के रिलेटिव होने की वजह से प्रसाशन कोई कार्यवाही नही कर रहा है।

गौरतलब है कि, पूरा विश्व पर्यवरण दिवस मनाता है व हर साल हरेला के नाम पर नेता, जनप्रतिनिधि, अधिकारी पेड़ लगाते है। परन्तु यहाँ पर कुदरत ने हजारों पेड़ उगाए थे, उनको बचाने कोई भी नही आया।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद अचानक बाहरी लोगों का यहाँ पर बसना होटल या अन्य बड़े प्रोजेक्टों के रूप में यहाँ के निवासियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

बात पौड़ी गढ़वाल के एकेश्वर ब्लॉक के डंडा ग्राम सभा की है, जहाँ पर मित्तल मशीनरी के द्वारा सौर्य ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है।

जिसके लिए दलालों से मिलकर ग्रामीणों की भूमि को ओने-पौने दामों में खरीदकर या फिर कुछ लीज पर लेकर ये प्रोजेक्ट यहाँ पर लग रहा है, न तो इस प्रोजेक्ट पर ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है न ही कुछ हाथ लग रहा है।

सौर्य ऊर्जा प्लांट के नाम पर कार्यदाई संस्था मित्तल मशीनरी व कुछ अन्यों ने ग्रामीणों के चारागाह व गांव की राजस्व भूमि कब्जा दी है और जोर-शोर से गांव के जंगलों को काटा जा रहा है। जिसके कारण जंगली जानवरों ने गांव वासियो का जीना मुहाल कर दिया है। जंगल में पेड़ आदि कटने से जानवर अब गांवों का रुख कर रहे हैं।

गांव वासियो का कहना है कि, उनके द्वारा प्रसाशन को भी सूचित किया गया, लेकिन उक्त प्रोजेक्ट पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, उसका कार्य बदस्तूर जारी है।

गांव वासियो ने बताया कि, किसी बड़े अधिकारी के रिलेटिव व मित्तल मशीनरी नाम के व्यक्तियों ने कब्जा कर रखा है उनके द्वारा कई बार इसकी रिपोट उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व उपनिरीक्षक को दी, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

हजारों पेड़ो के कटान पर गांव वासियो ने वन विभाग को हर बार शिकायत की, परन्तु वन विभाग ने कार्यवाही की। खनापूर्ती के लिए 8 पेड़ो का 40 हजार जुर्माना काटकर मामले को दबा दिया गया। जबकि यहाँ पर लगातार आज भी पेड़ काटे जा रहे हैं।

इसके अलावा इन प्लांट वालो ने गांव वासियो के पुराने रास्ते बंद कर दिए व लोगो की भूमि पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। तारबाड़ करके लोगो को जबरन जमीन बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

उपनिरीक्षक राजस्व पुलिस वेद प्रकाश का कहना है कि, अमीन की रिपोट से कब्जे की बात सत्य निकली है। हमारे द्वारा उक्त कब्जे धारी को नोटिस भेजा जा रहा है। यदि 15 दिन में कब्जा न हटा व रास्ते नही खोले गए तो उक्त कार्यदायी संस्था पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।