बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते प्रसूता की मौत। इंसाफ के लिए धरने पर बैठा पति
अल्मोड़ा। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलता मामला सामने आया है। अल्मोड़ा में एक गर्भवति महिला की दो जुड़वा बच्चों सहित मौत हो गई है। मौत का कारण बनी है, पहाड़ की पहाड़ जैसी समस्या और लापरवाह सिस्टम। जिसके लिए उत्तराखंड राज्य बनाया गया। लेकिन आज 21 साल बीतने के बाद भी पहाड़ मूलभूत सुविधाओं से महरूम है। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है। इस खराब प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण अदूरदर्शी नेताओं और लापरवाह अधिकारियों की ओर से स्पष्ट स्वास्थ्य नीति नहीं बनाया जाना है। दूसरा बड़ा कारण प्रदेश में 70 फीसद डॉक्टरों की कमी है।
बता दें कि, देवालय ग्राम सभा सल्ट ब्लॉक के निवासी लक्ष्मण सिंह की गर्भवती पत्नी मंजू देवी ने 3 सप्ताह पहले उपचार न मिलने के कारण दम तोड़ दिया था। उनको सीएचसी और उसके बाद रामनगर ले जाया गया, मगर इस दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया। हल्द्वानी ले जाते वक्त रास्ते में उनकी और उनके गर्भ में पल रहे दो जुड़वा शिशुओं की मृत्यु हो गई। उनके पति लक्ष्मण सिंह ने सीएचसी के चिकित्सा कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लक्ष्मण का कहना है कि, उनकी पत्नी हृदय रोगी थी, मगर उसके बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मियों ने जांच करने की जरुरत नहीं समझी और बिना देखे ही पत्नी को रामनगर रेफर कर दिया। इतना ही नहीं एंबुलेंस का इंतजाम न होने पर वह निजी वाहन से 55 किलोमीटर की दूरी तय कर पत्नी को रामनगर ले गए। लेकिन इस बीच लंबा सफर तय करने पर उनकी पत्नी की हालत और अधिक बिगड़ गई जिससे उनकी पत्नी सहित गर्भ में पल रहे दोनों शिशुओं की रास्तें में ही मौत हो गई।
मामले में भले ही सरकार ने कार्रवाई करने की बात कहीं हो पर दो-तीन सप्ताह के बाद भी कुछ नहीं हुआ। शासन की उदासीनता से आहत लक्ष्मण अपनी मृत पत्नी को इंसाफ दिलाने के लिए अपने दो मासूम बच्चों सहित बारिश में ही तहसील मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए हैं।
लक्ष्मण सिंह के साथ में पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत, अमित रावत आदि भी तहसील मुख्यालय में मौजूद है और पीड़ित को मुआवजा देने की मांग कर रहे है।
वहीं मामले में एसडीएम राजकुमार पांडे का कहना है कि, मृतका के स्वजनों से समय मांगा गया है और स्वास्थ्य विभाग की कमेटी पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।