वन कर्मियों की गोली से ढेर हुआ आदमखोर गुलदार
कई दिनों से हिंडोलाखाल के खासपट्टी क्षेत्रवासियों के बीच खौफ के पर्याय बन चुके गुलदार को वन कर्मियों की गोली से आज शाम ढेर कर दिया गया है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि, यह वही गुलदार था या नहीं! फिलहाल क्षेत्र के ग्रामीणों को गुलदार से आंशिक राहत मिली है।
देवभूमि में पहाड़वासी आजकल विभिन्न क्षेत्रों में आदमखोर गुलदार के साये में जी रहे हैं। बीते दो माह के भीतर गुलदार आधा दर्जन लोगों को अपना निवाला बना चुका है। इसी के साथ वे मृतकों के परिजनों को जीवनभर का दु:ख दे गया है। ताजी घटना देवप्रयाग विधानसभा के हिंडोलाखाल क्षेत्र की है। जहां गुलदार ने एक महिला को मौत के घाट उतार दिया।
बताया गया कि, क्षेत्र में गुलदार के हमले की यह तीसरी दर्दनाक घटना घटित हुई है। इसके बाद क्षेत्रवासी आदमखोर के खौफ के साये में जी रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार हिंडोलाखाल के ग्राम दुरोगी की एक महिला गुंदरी देवी पत्नी मदनलाल अपने घर के पास ही काम कर रही थी कि, तभी घात लगाकर बैठे गुलदार ने उन पर झपट्टा मार दिया। जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है और गांव गुलदार के खौफ से दहशत में है।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार इससे पूर्व भी क्षेत्र के ग्राम छाम में भी शकुंतला देवी पत्नी भगवती दास को गुलदार ने निवाला बनाया था, जबकि इससे पहले एक महिला को गुलदार ने गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। एक के बाद एक हमले से क्षेत्रवासियों ने गुलदार को आदमखोर घोषित करते हुए उसे मारने की मांग की है।
गुलदार के लगातार हो रहे हमले से गुस्साये ग्रामीणों ने संबंधित वन विभाग के जिम्मेदार कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। साथ ही मृतक व घायल महिला के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्ता ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रघुवरी भंडारी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष देवप्रयाग कुंदर सिंह बिष्ट, राम प्रसाद नौटियाल, उदय सिंह रावत आदि ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिजनों को शीघ्रउचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
इस संबंध में पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने जिलाधिकारी टिहरी को ज्ञापन भेजकर मारी गई महिलाओं व घायल महिला के एक-एक परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही उक्त गुलदार को नरभक्षी घोषित करते हुए उसे मारने के लिए शिकारी भेजने के निर्देश देने की मांग की है। साथ ही वन कर्मियों को क्षेत्र में गश्त करने की मांग की है।
बताते चलें कि, क्षेत्रवासी इन घटनाओं के बाद आदमखोर के खौफ से सहमे हुए हैं। ग्रामीणों के सम्मुख अपनी मवेशियों के लिए चारा-पत्ती लाने का भी संकट खड़ा हो गया है। साथ ही जंगली रास्तों पर जाने से जान जोखिम में डालने जैसी स्थिति बन गई है।
बहरहाल, क्षेत्र के लिए अच्छी खबर यह है कि, आज शाम होते-होते वन कर्मियों की बंदूक की गोली से उक्त गुलदार को ढेर कर दिया गया है। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेजी गई है। अब यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि, ये वही आदमखोर गुलदार था या कोई अन्य। हालांकि क्षेत्रवासियों का कहना है कि, गांव के पास वाले जंगलों में कई और गुलदारों के होने की संभावना है।