कानूनगो को नवाबी पड़ी महंगी। निलंबन के आदेश
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने हरिद्वार दौरे पर रहते हुए अफसरों से मुलाकात कर उन्हें जनता से अच्छी तरह पेश आने और संजीदगी से उनकी समस्याएं सुनने को कहा था, लेकिन हरिद्वार तहसील के कानूनगो को नए मुख्यमंत्री की बात समझ में न आई।
बता दें कि, तहसील में तैनात कानूनगो अनिल कंबोज अपने दफ्तर में लेटकर लोगों की फरियाद सुन रहे थे। कानूनगो का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इससे संबंधित अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने जिलाधिकारी को कानूनगो को सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
फरियादी भी कोई आम आदमी नहीं था, बल्कि भाजपा के पूर्व जिला मंत्री राकेश शर्मा थे। वो अपने काम से तहसील कानूनगो के दफ्तर में गए थे। इस दौरान कानूनगो साहब दफ्तर में फरियादियों की बेंच पर लेटकर आराम फरमा रहे थे।
राकेश शर्मा ने जब कानूनगो से अपनी फाइल को देखने के लिए कहा तो कानूनगो साहब बेंच पर अंगड़ाइयां लेते हुए अपने दो असिस्टेंट से बातें करते रहे और उनकी तरफ देखा तक नहीं और न ही उनका काम किया।
ढाई महीने पहले किया था शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई
राकेश शर्मा ने बताया कि, उन्होंने ढाई महीने पहले शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था। ढाई महीने से पटवारी और कानूनगो दोनों उनकी फाइल को दबाए बैठे हैं और लगातार पैसों की डिमांड कर रहे हैं। वो दफ्तर के कई चक्कर लगा चुके हैं, फिर भी उनका काम नहीं हो रहा है।
इस वीडियो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, भले ही भाजपा सरकार में दो मुख्यमंत्री बदल जाने के बाद भले ही तीसरा आ चुका हो, लेकिन अफसर अपनी कार्यशैली को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं। ये तब है जब नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों को कार्यशैली बदलने की चेतावनी तक दे चुके हैं।
उधर, वीडियो वायरल होने पर कानूनगो अनिल कंबोज का कहना है कि, उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी और वह दवाई खाकर बेंच पर लेट गए थे।