पत्रकार उमेश कुमार का बड़ा एलान। कहा दूरस्थ पहाड़ों के 210 गांवों को बनाएंगे स्मार्ट विलेज
– पहाड़ों के हर जिले में स्मार्ट विलेज बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम
– प्रथम चरण में 210 गाँव बनेंगे स्मार्ट विलेज
देहरादून। कोरोना काल में पहाड़ परिवर्तन समिति के ऊर्जावान युवाओं द्वारा गाँव-गाँव जाकर राहत सामग्री पहुँचाने का काम कर रही है। अब इन्ही युवाओं के प्रयासों से उत्तराखण्ड में कोरोना कंट्रोल में आ रहा है।
पहाड़ परिवर्तन समिति के इन्ही जाँबाज युवाओं की एक नई सोच अब उत्तराखण्ड के प्रत्येक पहाड़ी जिले में स्मार्ट विलेज बनाने की थीम पर आगे बढ़ने जा रही है।
आपको बताते हुए अत्यंत प्रसन्ता हो रही है कि, पहाड़ परिवर्तन समिति द्वारा प्रथम चरण में प्रत्येक पहाड़ी जिले के 21 गाँवो (कुल 210 गाँवो) को स्मार्ट विलेज बनाने की दिशा में आगे कदम बढ़ा रहा है। जिसमें रोजगार-स्वरोजगार से लेकर इन गाँवों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।
आज हमारा उत्तराखण्ड 21 साल का युवा हो चुका है, ऐसे में पहाड़ परिवर्तन समिति के युवाओं ने ठाना है कि, प्रत्येक पहाड़ी जिले के 21 ऐसे गाँवो को चयनित किया जाएगा जिन गाँवों में प्रथम चरण में गाँव-गाँव उजाला थीम पर कार्य किया जाएगा।
दरअसल, आज बिजली प्रत्येक गाँवो के घरों में हैं, पर गाँव के मुख्य चौराहे, मुख्य रास्ते आज भी रात में अंधकारमय रहते हैं।
आज पहाड़ो के गाँवो में जंगली जानवरों, सुंवरो, गुलदार व भालूओं की टोलियां क़ई बार गाँवो में इसी अंधेरे का फायदा उठाकर घुस जाती हैं और खेती बाड़ी को तो नुकसान करती ही है, साथ ही लोगो पर भी ये जंगली जानवर हमले कर देते हैं।
दूसरा महत्वपूर्ण विषय यह है कि, उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिले अक्सर आपदा की मार झेलते हैं। ऐसे में आपदा आते ही बिजली भी गुल हो जाती है। ऐसे संकट के दौर में इन गाँवो में उजाले की आवश्यकता होती है।
पहाड़ परिवर्तन समिति के युवाओं ने एक नई सोच के साथ इस कार्यक्रम को आरम्भ करने की ठानी है।
प्रथम चरण में इन गाँवों में उजियारे की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा, इसके साथ ही इन गाँवो में प्राथमिक उपचार से सम्बंधित उपकरण, दवाइयां आदि भी वितरित की जाएंगी। जिसकी जिम्मेदारी उसी गाँव के युवा सम्भालेंगे।
इसी के साथ इन गांवों में रोजगार, स्वरोजगार की दिशा में ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से युवाओ को जोड़ा जाएगा ताकि युवाओं को गाँव में ही रोजगार मिल सके।
इन सभी पहाडी जिलों के इन 21-21 गाँवों के लिए स्थानीय युवा आगे की कार्ययोजना पर भी अपने सुझाव देते रहेंगे, ताकि इन गांवों के विकास की दिशा में पहाड़ परिवर्तन समिति के युवा आगे बढ़ें।
आपको बता दें कि, पहाड़ परिवर्तन समिति कोई सरकार नही है, जो सिर्फ वादे करती है। बल्कि ऊर्जावान युवाओ का एक ऐसा संगठन है, जो 21 साल के इस उत्तराखण्ड के गाँवो में एक सकारात्मक बदलाव करना चाहते हैं और युवा ठान चुके हैं कि, हर हाल में बदलाव लाना है तो धरातल पर काम करना होगा।
कार्ययोजना में शामिल इन गाँवो में आप इन युवाओ की बदौलत एक बड़ा बदलाव जल्द देखेंगे।
समिति के संस्थापक उमेशकुमार ने युवाओ से आवाह्न करते हुए कहा कि, पहाड़ परिवर्तन समिति की इस मुहिम से जुड़ें और इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं।