समाजसेवा के नाम पर अवैध निर्माण। सरकारी हैंडपम्प पर कब्जा
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुछ सरकारी विभाग और उनके अधिकारी किस कदर भ्रष्ट हो सकते है, इसका एक छोटा सा उदाहरण देखना है तो हरिद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिंहद्वार पर देख लीजिए। जहां पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों की बिना जानकारी के ही सरकारी संपत्तियों पर एक नाम सी स्वयंभू संस्था को बिना अवैध रूप से, बिना लिखा पढ़ी के संचालन के लिए सौंप दिया। जिस व्यक्ति को करीब एक किलोमीटर की नहर पटरी और सिंह द्वार फ्लाईओवर के नीचे का काम सौन्दर्यकरण के नाम पर मनमानी करने के लिए दिया गया वह व्यक्ति इन अति महत्वपूर्ण सरकारी जगहों पर अवैध निर्माण तो कर ही रहा था बल्कि पीने के सरकारी हैंडपम्प और नलको तक पर अवैध रूप से कब्जा कर उन्हें आम जनता के लिए बंद कर दिया। जब हरिद्वार विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और मेलाधिकारी दीपक रावत ने वहां छापा मारा तो एनएच, जल संस्थान और सिंचाई विभाग की मिलीभगत से चल रहे इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ।
इस नहर पटरी पर रोजाना सैकड़ो लोग घूमने के लिए आते है और इसी नहर पर से कांवड़ यात्रा में रोजाना हजारों कांवड़िये गुजरते है। क्या आपको यकीन हो पायेगा कि, एचआरडीए और सिंचाई विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से एक युवक ने एनजीओ के नाम पर इस नहर पटरी पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ था, यही नही इस युवक ने इस मार्ग पर दोनों और विशालकाय गेट लगाकर रास्ते को बंद किया हुआ था और आने-जाने के लिए एक छोटा सा गेट खोल रखा था। यह युवक यहां पर एनजीओ की आड़ में अपने गलत धंधों को अंजाम दे रहा था और यहां पर खुलकर गुंडागर्दी कर रहा था। अभी तीन दिन पहले जब हरमीत इन्दोरिया नाम के इस युवक का सोशल मीडिया पर कुछ गरीब लोगों की लाठी डंडों से बेरहमी के साथ पिटाई करते हुए वीडियो वायरल हुआ तो उच्च अधिकारियों और पुलिस के संज्ञान में यह सब गोरखधंधा सामने आया।
मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे दीपक रावत का कहना है कि, एचआरडी द्वारा किए गए कार्यों का मेरे द्वारा निरीक्षण किया गया। साथ ही सोशल मीडिया से मुझे शिकायत प्राप्त हुई थी। सिंहद्वार चौक पर बने फ्लाईओवर के नीचे अवैध निर्माण किया जा रहा है और इसकी अनुमति भी किसी के द्वारा नहीं दी गई थी और मौके पर ही सरकारी हेडपंप है उसपर भी कब्जा किया गया है। मौके पर निरीक्षण करने पर यह सभी शिकायतें सही पाई गई। साथ ही नहर पटरी पर सरकारी गेट पर भी ताला मिला। इससे स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानी हो रही थी, मेरे द्वारा एचआरडीए के इंजीनियर को निर्देशित किया गया है। जिसके भी द्वारा अवैध निर्माण किया गया है। उसका चालान किया जाए और अवैध निर्माण को हटाया जाए। जल निगम को भी मेरे द्वारा बताया गया है कि, सरकारी हेडपंप पर अवैध कब्जा किया गया है। उसको अपने कब्जे में लिया जाए, नहर पटरी पर सरकारी दो गेट पर जो ताले लगे थे, उसको मेरे द्वारा हटवाया गया। इस मामले पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
एनजीओ के नाम पर गोरखधंधों में लगे हरमीत इंदौरिया के कारनामे चौकाने वाले है। समाजसेवा की आड़ में आम आदमियों को मिलने वाली पानी जैसी सरकारी सुविधा पर भी कब्जा कर बैठ गया था। यह युवक सिंहद्वार पर पिछले चार पांच साल से लगे एक एकलौते हैंडपम्प को भी इसने जलसंस्थान की अनुमति के बिना ही कब्जा कर उस पर समरसिवल लगा दिया और उसका मेने स्विच एक ताले में बंद कर दिया। जिससे सिंहद्वार पर हजारो लोगो की प्यास बुझाने वाले इस एकलौते हैंडपम्प को और अभी हाल ही में एकमात्र सार्वजनिक नल से आम आदमी की प्यास बुझाने की जगह उन पर ताले डाल दिये। दीपक रावत द्वारा जल संस्थान के एक्शन को मौके पर बुलाया गया और सख्त हिदायत दी गई। इस तरह के कार्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। जल संस्थान के एक्शन मिशन अहमद का कहना है कि, हमारे द्वारा मौके पर देखा गया है हेडपंप को काटकर उसमें समर्सिबल लगा दिया गया है, इस मामले में दीपक रावत द्वारा मुकदमा दर्ज करवाने के हमें निर्देश दिए गए हैं हमारे द्वारा हेडपंप को भी सही कराया जाएगा।
सिंहद्वार फ्लाईओवर के नीचे हो रहे प्राचीन मंदिर के नवनिर्माण के नाम पर इस युवक ने लोगो से ना केवल लांखो रुपये ऐंठ लिए, बल्कि मंदिर के नीचे अवैध रूप से बेसमेंट में एक कमरा बना दिया। वह भी NH के अधिकारियों की मिलीभगत से इस कार्य को किया गया। आप खुद सुन लीजिए NH का यह अधिकारी खुद न केवल ऐसे स्वीकार कर रहा है बल्कि वह बता रहा है कि, मंदिर निर्माण तो NH करवा रहा है और इस कार्य की परमिशन किसी को नहीं दी गई है। मगर उसके बावजूद भी युवक जिस संस्था के साथ मिलकर इस कार्य को कर रहा था इस बात का जवाब उनके पास नहीं मिला कि अवैध निर्माण कैसे कर लिया गया।