भारत-चीन सीमा पर टूटा ग्लेशियर। 8 शव बरामद
चामोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ से 94 किमी आगे सुमना क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना में अब तक 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं, सेना ने आठ लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ से 94 किमी आगे सुमना क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना में अब तक 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं, सेना ने आठ लोगों के शव बरामद कर लिए हैं, वहीं छह लोग गंभीर रूप से घायलों को भी निकाला गया है।
बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। इसकी जद में आए सड़क निर्माण कार्य में जुटे व्यक्तियों को बचाने में सेना का अभियान जारी है। मौके पर बीआरओ कैंप था। ग्लेशियर की चपेट में ये कैंप आया है। अभी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत चमोली के लिए रवाना हो गए। वह मौसम खराब होने की वजह से चमोली में ही रहकर हालातों का जायजा लेंगे। सीएम तीरथ सिंह रावत और गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे मामले पर फोन पर बातचीत की है। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मौके के लिए रवाना हुए हैं।
सीएम ने किया क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटनास्थल और बचाव कार्यों के निरीक्षण को हवाई सर्वेक्षण किया। इसकी जानकारी फेसबुक में डाली। उन्होंने लिखा कि, उत्तराखंड की नीति घाटी में मलारी बॉर्डर स्थित सुमना गाँव के निकट ग्लेशियर टूटने का समाचार मिलने पर घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया। सुमना क्षेत्र में भारी बर्फबारी होने से रास्ते बंद हैं। संचार व्यवस्था स्थापित की जा रही है। सेना, ITBP, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और जिला प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से जुटे हैं। राहत और बचाव कार्य अभी भी तेजी से जारी है।
अमित शाह ने दिया हर मदद का आश्वासन
सीएम ने पोस्ट में बताया कि, गृह मंत्री अमित शाह जी नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है और आईटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिये है। उनकी इस तत्परता व संवेदनशीलता के लिए मैं अपने प्रदेशवासियों की ओर से माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
सेना चला रही है रेस्क्यू
सेना ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, राहत बचाव के दौरान 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। बताया गया कि बर्फबारी के बीच भी सेना ने रेस्क्यू जारी रखा। शुक्रवार रात्रि को रेस्क्यू आपरेशन को रोकने के बाद आज शनिवार 24 अप्रैल की सुबह फिर रेस्क्यू शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि जहां ये घटना हुई वहां, ग्रीफ की ओर से पुल निर्माण चल रहा था। यह घटना सुमना-2 क्यूगाड वैली के निकट हुई।
शुक्रवार की है घटना
बताया गया 23 अप्रैल की दोपहर में सुमना टू के बीआरओ शिविर में हिमस्खलन हुआ। जिससे शिविर तबाह हो गया था। शिविर में सड़क निर्माण में जुटे मजदूर, मशीन चालक, अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। जिनकी संख्या अभी साफ नहीं है। परंतु सेना का कहना है कि अभी कई लोग लापता होने की सूचना पर रेस्क्यू जारी है। कल जैसे ही घटना की सूचना मिवी को बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल के नेतृत्व में टीम मौके के लिए रवाना हुई थी। बताया गया कि टीम भी सड़क बंद होने के चलते रास्ते में ही फंसी रही। आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि आईटीबीपी के पास सीमा में संशाधन उपलब्ध हैं। उनके पास घटना को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।