सभी रस्मों के साथ बगैर दूल्हा-दुल्हन के हो गयी शादी
– सिरफल (नारियल)को प्रतीक मानकर हुई शादी, सभी प्रकार की रस्में निभाई गई
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
सतपुली। बुजुर्गों से मिली जानकारी के अनुसार कई वर्ष पूर्व होती थी ऐसे शादियां, जब दूल्हा किसी कारण वश शादी के दिन तक घर नहीं पहुंचता था तो नारियल को प्रतीक मानकर पूरी रस्मो रिवाज से शादी हो जाती थी।
जनपद पौड़ी गढ़वाल सतपुली के निकट ग्राम जखनोली में एक ऐसी शादी हुई जिसमें न तो दूल्हा था और न ही दुल्हन, फिर भी नारियल को दोनों का प्रतीक मानकर पूरे रस्मो रिवाजों के साथ शादी हुई। अब हम आपको इसका कारण भी बताते हैं और दूल्हा-दुल्हन के बारे में भी बताते हैं।
बीते 18-19 अप्रैल 2021 को किरण उर्फ बन्नी की शादी निश्चित हुई थी, पूरे हर्षोउल्लास से तैयारी चल रही थी। सरकार के दिशानिर्देश को फॉलो करते हुए दूल्हे ने अपना कोविड टेस्ट करवाया। जिसमे दूल्हा गौतम पॉजिटिव निकल गया।
इधर दिल्ली में कार्यरत दुल्हन किरण उर्फ बन्नी दिल्ली से गुमखाल तक पहुंच गई थी, बन्नी को अपने में भी संक्रमण होने का आभास हुआ तो उसने समझदारी दिखाते हुए दिल्ली वापसी कर दी।
जब हमारे द्वारा किरण से इसकी वजह पूछी गई तो उसने कहा कि, शादी के लिए परमिशन मिल रही थी। परन्तु गांव में मेरे बड़े बुजुर्ग व समस्त गाँव वालों को खतरा न हो इसलिये हमने वापसी का फैसला लिया।
शास्त्रों व ब्राह्मणों के अनुसार बिना दूल्हा-दुल्हन के शादी हो सकती है। नारियल को प्रतीक मानकर हमारी शादी भी इसी तरह से सम्पन्न हुई।
वहीं ग्रामीण अंकित नेगी ने बताया कि, बन्नी दीदी की शादी में पीठू कूटंन व अरसा बणन, महिला संगीत, कीर्तन, बेदी, फेरे आदि सभी रस्म हुई है।