मोतीचूर फ्लाईओवर को देख केंद्रीय मंत्री निशंक का बढ़ा गुस्सा। अधिकारियों को लगाई जमकर लताड़
– कुंभ को लेकर बोले कोरोना काल में इतना बड़ा उत्सव कोई छोटी बात नहीं
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। उत्तराखंड में सड़कों और पुलों का जाल भले ही बिछ रहा हो, मगर अफसरों की मनमानी कार्यशैली से स्थानीय लोगो को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरिद्वार-देहरादून मार्ग पर शांतिकुंज से रायवाला तक बना मोतीचूर फ्लाईओवर करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। करीब 2 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इस फ्लाईओवर में एक स्थान पर भी अंदर पास नही होने से स्थानीय ग्रामीणों को 4 से 5 किलोमीटर तक घूम कर आना जाना पड़ रहा है। आज इस समस्या के निराकरण के लिए ग्रामीणों ने जब केंद्रीय मंत्री निशंक से गुहार लगाई तो निशंक भी उनकी समस्या सुन हैरत में पड़ गए कि, अफसरों ने इतनी बड़ी लापरवाही आखिर क्यों कर दी। निशंक ने जिम्मेदार अफसरों को फ़ोन पर जमकर फटकार लगाई।
बता दें कि, विकास के नाम पर अफसर किस कदर मनमानी कर सकते है, इसकी बानगी देखनी है तो हरिद्वार देहरादून मार्ग पर हरिपुर कलां और उसके आसपास के इलाके में घूम आइयेगा। जहां पर देहरादून सीमा पर स्थित हरिपुरकलां के मोतीचूर फ्लाईओवर बन जाने के बाद इस ग्राम सभा की अपनी ही तहसील से कनेक्टविटी खत्म हो गयी है। इस ग्रामसभा के लोगो को अगर देहरादून और ऋषिकेश जाना हो तो उन्हें पहले फ्लाईओवर पर चढ़ने के लिए 4 से 5 किलोमीटर हरिद्वार की ओर जाना पड़ रहा है। लंबे समय से इस क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों के लोग अंडर पास और कनेक्टविटी रोड़ की मांग कर रहें है, मगर अफसरों के कानों तक जून नही रेंगी और फ्लाईओवर बन भी गया और यातायात के लिए शुरु भी हो गया।
जिसके बाद से स्थानीय लोगो का आसपास के क्षेत्रों तक मे आवागमन मुसीबत बन गया है। गत दिवस हरिद्वार पंहुचे केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से हरिपुरकलां के ग्रामीणों ने मुलाकात की और उन्हें हजारो लोगो की समस्याओं से अवगत कराया। निशंक भी स्थानीय लोगो की समस्या सुनकर हैरत में पड़ गए कि, आखिर अफसर इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते है। निशंक ने मुरादाबाद मंडल के अधिकारियों को फोन पर ही जमकर फटकार लगाई।
वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कुम्भ मेले को लेकर कहा कि, कोरोना काल में भी इतना अच्छा उत्सव हो रहा है, यह छोटी बात नहीं है। 2010 के कुंभ से इसकी तुलना नहीं की जा सकती। क्योंकि इस वक्त कोरोना काल चल रहा है और उसके बावजूद भी जो व्यापक स्तर पर कुम्भ की तैयारियां की जा रही है। मुझे भरोसा है कि, हरिद्वार महाकुंभ 2010 के कुम्भ की तरह अपनी अद्भुत छाप छोड़ेगा। उन्होंने साधु संतों से अपील भी की कि, कुम्भ मेले में कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जाए और साधु संत अपने भक्तों से भी यही अपील करें। उन्होंने यह भी कहा कि, कोरोना से सुरक्षा भी बहुत जरूरी है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक जहां कुंभ मेले की व्यवस्था को लेकर संतुष्ट नजर आए तो वही फ्लाईओवर से हो रही ग्रामीणों को परेशानी को लेकर काफी नाराज हो गए। क्योंकि फ्लाईओवर के चलते ही ग्रामीणों के लिए यह समस्या पैदा हुई है। पूर्व में इस मार्ग को खुले रखने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया गया था, मगर वर्तमान में वन महकमे ने इस मार्ग को बंद कर दिया। इसके साथ ही रेलवे ने भी अब फाटक को बंद कर देने के लिए बोर्ड लगा दिया है। निशंक के हड़काये जाने के बाद अफसरों ने अब ग्रामीणों की समस्या को जल्द निराकरण का भरोसा दिया है।