त्रिवेंद्र का फैसला बदलने के पीछे सीएम तीरथ ने मंच पर सुनाया अपने दोस्त का किस्सा। देखें वीडियो
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आज हरिद्वार में रहे, उन्होंने हर की पौड़ी का पूजन किया, उसके बाद कुंभ मेले के लिए बनाए गए मीडिया सेंटर में कई योजनाओं का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंच से इस बात का भी खुलासा कर दिया कि, आखिरकार उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के विकास प्राधिकरण के फैसले को क्यों बदला है। तीरथ ने अपने दोस्त का किस्सा सुनाते हुए उनकी पीड़ा बताई और बताया इसलिए उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों से विकास प्राधिकरण को हटाया है।
तीरथ सिंह रावत ने पहली कैबिनेट में ही त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले को बदल दिया था। जिसमें उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी विकास प्राधिकरण की स्थापना करवाने की बात की थी। तीरथ सिंह रावत ने आज खुलकर इस बारे में बात की और मंच से बताया कि, उनका एक दोस्त हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र में रहने नोयडा से आया था। वह लगातार उनके संपर्क में फोन पर रहता था, वह ग्रामीण क्षेत्र में ही अपना घर बनवाना चाहता था, लेकिन जब उसने घर बनाना शुरू किया तो हर रोज उसके घर पर विकास प्राधिकरण के लोग आ जाते थे।
कभी कोई पेपर, कभी कोई फॉर्मेलिटी, कभी कोई जरूरत पूरी करने में उसका इतना पैसा खर्च हो गया जितने पैसे मे घर का कुछ हिस्सा खड़ा कर सकता था। उस वक्त मैंने सोचा था कि, विकास प्राधिकरण आखिरकार है किस लिए? इसलिए जैसे ही हमारी पहली कैबिनेट हुई मैंने सबसे पहले यही निर्णय लिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में और पर्वतीय क्षेत्रों में से विकास प्राधिकरण को हटाया जाए। क्योंकि इन दोनों ही जगहों पर इस विभाग का कोई मतलब नहीं है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को किससे वाला मुख्यमंत्री भी कहा जा सकता है। क्योंकि तीरथ सिंह रावत द्वारा मंच से कई किस्से सुनाए जाते हैं, लड़कियों के जींस पहनने वाले किससे के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बड़े विवाद में फंस गए थे और उनको लेकर बीजेपी हाईकमान ने भी उनको तलब कर लिया था। मगर आज विकास प्राधिकरण को ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्र से हटाने को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा एक किस्सा और सुनाया गया और इस किस्से में उनका एक दोस्त सामने निकल कर आया, जिसकी पीड़ा के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री का पद संभालते ही सबसे पहले विकास प्राधिकरण को ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्र से हटाया है।