अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में गूंजेगा कुंभ के स्वरूप का मुद्दा। संतो में खासा नाराजगी
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार में लगने वाले महाकुंभ का स्वरूप क्या होगा, अभी तक सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है। अखाड़ा परिषद लगातार कुंभ को भव्य और सुंदर तरीके से मनाने की सरकार से मांग कर रहा है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री ने प्रयागराज में हो रहे माघ मेले की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि, वह यहां पर अखाड़ों को टेंट लगाने की व्यवस्था करें। मगर अभी तक सरकार द्वारा इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसी को लेकर आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अहम बैठक नया उदासीन अखाड़े में की जाएगी और इस बैठक में तमाम अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। बैठक में कुंभ के स्वरूप को लेकर सभी साधु-संतों की चर्चा के बाद प्रस्ताव पास किए जाएंगे। जिसमें सबसे अहम मुद्दा कुंभ के स्वरूप को लेकर ही देखने को मिल रहा है
अखाड़ा परिषद कुंभ के स्वरूप को लेकर लगातार मुखर होता जा रहा है और सरकार से मांग कर रहा है कि, सरकार खुद सामने आकर उनके स्वरूप के बारे में जनता और साधु-संतों को बताए, मगर अभी तक सरकार द्वारा कुंभ का क्या स्वरूप होगा इसको लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। आज अखाड़ा परिषद की अहम बैठक इसी मुद्दे पर होने वाली है और यहां पर अखाड़ा परिषद द्वारा कुंभ मेले को लेकर प्रस्ताव पास किया जाएगा। श्री पंच अग्नि अखाड़े के कुंभ मेला प्रभारी श्रीमंहत साधनानंद महाराज का कहना है कि, अखाड़ा परिषद की बैठक में यही चर्चा की जाएगी। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कुंभ मेले को भव्य रूप से कराया जाए। सरकार से हम मांग करते हैं कि, अखाड़ों को दी जाने वाली व्यवस्था दी जाए।
साथ ही पूरे हरिद्वार में सफाई व्यवस्था का ध्यान रखा जाए ना कि कुंभ मेले के वक्त ही सफाई व्यवस्था करें। उनका कहना है कि, देश भर में बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही है और साथ ही बड़े आयोजन भी आदि अनादि काल से कुंभ मेले को हम भव्य तरीके से मनाते आए हैं। इस वक्त सपने में संशय बना हुआ है। कुंभ मेला होगा या नहीं। मेला प्रशासन ऐसी व्यवस्था करें कि, अखाड़ों और संस्थाओं को जमीन आवंटन करें। जिससे वह समय से कार्य को व्यवस्थित करें। लेकिन अभी तक कुंभ के स्वरूप के बारे में सरकार ने कोई बात नहीं कही है। इस पर सभी साधु संत विचार कर रहे हैं कि, हम किस तरह से कुंभ मेले को मनाएंगे। इन सभी संशय का जल्द से जल्द निराकरण करना चाहिए और इसके लिए स्वयं सरकार खुले दिल से और खुले मंच से सभी को बताएं कि कुंभ मेला सुनिश्चित हो गया है और इस गाइडलाइन से किया जाएगा। कल इसी मुद्दे को लेकर अखाड़ा परिषद में साधु संत चर्चा करेंगे।
संतों का कहना है कि, कुंभ को लेकर अभी संत संतुष्ट नहीं है। क्योंकि अभी तक अखाड़ों को भूमि आवंटन नहीं कराई गई है और सभी अखाड़े के संत संशय में है कि, टेंट कहां लगायेगे और सभी अखाड़ों की व्यवस्था किस स्थान पर रहेगी। सरकार कुम्भ को लेकर इतनी उदासीन हो रही है। संतों का कहना है कि, देशभर में इतनी बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही है। दिल्ली में किसानों का इतना बड़ा आंदोलन हो रहा है। वहां कोई कोरोना का खतरा नहीं है, मगर हरिद्वार में कोरोना फैल जाएगा यह समझ नहीं आ रहा है। लास्ट वक्त में संतों को जमीन देंगे तो टेंट नहीं लग पाएगा। अगर सरकार को कुंभ कराना है तो संतो को गाइडलाइन के अनुसार बता दें कि कुंभ कैसे किया जाएगा। सरकार को सभी अखाड़ों को जमीन दे देनी चाहिए जिससे सभी अपनी व्यवस्था कर सके। मगर अभी तक किसी को भी भूमि आवंटन नहीं की गई है। इसी बात को लेकर सभी संत संशय में है कि सरकार क्या करेगी अभी तक इसकी कोई तैयारी दिख नहीं रही है।