कांग्रेस के पूर्व मंत्री और मेयर की गजब नौटंकी। स्वयं के प्रस्ताव का कर रहे विरोध। जनता में जगहसाई
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। शहर अपनी बहुत सारी विषेताओं के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड राज्य में यह शहर राजनीति के धुरंधरों की कार्यस्थली के साथ राजनीति के धुरंधरों को पटखनी देने के लिए भी जाना जाता है। कोटद्वार विधानसभा जब से नगर निगम बना है, तब से देवर-भाभी की खींचतान अब राजनीति की जंग का रुप ले चुकी है। जब भी जिसका दांव लगता है तभी वह अपना वार करने से नहीं चूकता। ऐसा ही एक मौका पूर्व मंत्री और कोटद्वार मेयर को तब मिला जब नगरनिगम ने कोटद्वार में टैक्स लगाने की घोषणा की, लेकिन कुछ समय बाद राज्य सरकार ने सभी नये नगरनिगम को 10 साल तक टैक्स में छूट देने का अध्यादेश जारी कर दिया। लेकिन शायद पूर्व मंत्री और मेयर को इसकी जानकारी नही मिली और वे टैक्स के इस हथियार को भुनाने जनता के दरबार में पहुंच गये।
जब इसकी जानकारी देवर और उनकी टीम को पता चली तो देवर की सेना ने भी मेयर के हथियार को उनके ही खिलाफ प्रयोग कर कोटद्वार की राजनीति में एक बार फिर से उबाल ला दिया है। नगर निगम कोटद्वार मेयर के नेतृत्व में और पूर्व मंत्री के आशीर्वाद से खुद ही गृहकर आदि टैक्स लगाने का प्रस्ताव पास किया है, तो फिर कांग्रेसी मेयर हेमलता नेगी और पूर्व स्वास्थ्य मन्त्री सुरेन्द्र सिंह नेगी राजनीतिक नौटंकी क्यों कर रहे हैं ? 25 फरवरी 2020 को कोटद्वार नगर निगम में एक प्रस्ताव आया था, जिसमें मेयर हेमलता नेगी और काँग्रेस के पार्षदों ने नगर क्षेत्र में सम्मिलित नए क्षेत्रों पर संपति कर थोपने का प्रस्ताव कांग्रेस पार्षदों के सर्वसम्मति से पारित किया। (नगर निगम की इस बोर्ड बैठक का भाजपा पार्षदों ने बहिष्कार किया था)। सुरेन्द्र सिंह नेगी और उनकी धर्मपत्नी हेमलता नेगी आजकल कोटद्वार नगर निगम द्वारा थोपे गए उस टैक्स के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं जिसको लगाने का प्रस्ताव खुद उन्होंने ही पारित किया है। अब यही पूर्व मंत्री और मेयर किस राजनीति के तहत अपनी राजनीतिक गोट फिट करने के जुगाड में जुटे हैं। अब जब सांप तो भाग गया तो लाठी पीटने से क्या हासिल होने वाला है।