जल्द होगा 52 शक्तिपीठों की जननी सती कुंड का जीर्णोद्धार। प्राकृतिक गैस से जलेगी ज्योति

जल्द होगा 52 शक्तिपीठों की जननी सती कुंड का जीर्णोद्धार। प्राकृतिक गैस से जलेगी ज्योति

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। 52 शक्तिपीठों की जननी सती कुंड को भव्य स्वरूप देने में मेला प्रशासन जुट गया है। सती कुंड को भव्य और सुंदर बनाने के लिए दिल्ली के अमर जवान ज्योति की तर्ज पर प्राकृतिक गैस से हवन कुंड जलाया जाएगा। सालों से सती कुंड बदहाली की मार झेल रहा था मगर अब इस स्थल को सवारने का कार्य जल्द शुरू होगा। सती कुंड में गंगाजल का निरंतर प्रवाह भी रहेगा और साथ ही कुंड के बीचो-बीच माता सती की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। इस कार्य को हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के द्वारा कराया जाएगा।

हरिद्वार की पुरानी नगरी कनखल राजा दक्ष की नगरी कहलाती है। राजा दक्ष द्वारा कनखल स्थित एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया गया था, मगर उनके द्वारा भगवान शिव और सती को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। पिता मोह में माता सती अपने पति भगवान शिव के मना करने के बाद भी यज्ञ में पहुंची, मगर जब मां सती ने यज्ञ में अपने पति का आसन नहीं देखा तो इसे अपने पति का अपमान समझा और इससे नाराज होकर मां सती ने इसी स्थल पर हवन कुंड में कूदकर जान दे दी थी, सती के हवन कुंड में आत्मदाह करने के बाद भगवान शिव ने अपना रौद्र रूप धारण किया और वीरभद्र की उत्पत्ति कर राजा दक्ष के यज्ञ का विध्वंस कर दक्ष का सर धड़ से अलग कर दिया था। इसलिए इस स्थान को 52 शक्तिपीठों की जननी कहा जाता है।

सालों से यह सतीकुण्ड बदहाल स्थिति में है। अब हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण सतीकुण्ड स्थल को संवारने का कार्य करेगा। जिसके तहत सतीकुण्ड में गंगा जल का निरंतर प्रवाह रहेगा। इसके साथ ही सतीकुण्ड के बीचो बीच माता सती की प्रतिमा लगाई जाएगी और चौबीस घंटे यहां पर अमर जवान ज्योति की तर्ज पर ज्योति जलेगी। कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि, सती कुंड का कई पुराणों में उल्लेख है और इस कुंड की काफी मान्यता है। इसको भव्य और सुंदर बनाने के लिए नेचुरल गैस अथॉरिटी द्वारा ज्योति बनाई जाएगी। मेरे द्वारा निर्देशित किया गया है कि, इसका सर्वे किया जाए। सती कुंड को भव्य बनाने के लिए एचआरडीए द्वारा भी कार्य किया जा रहा है और अगले 15 दिनों में इस को क्रियान्वित हम करवाने जा रहे हैं।

कुंभ मेले से पहले सती कुंड को भव्य और सुंदर बनाने के लिए मेला प्रशासन और एचआरडीए द्वारा पूरी रूपरेखा बनाई जा रही है। साथ ही अमर ज्योति को सती कुंड पर जलाने के लिए नेचुरल गैस अथॉरिटी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। नैचुरल गैस अथॉरिटी के प्रबंधक परंजय जोशी का कहना है कि, हरिद्वार शहर में नेचुरल गैस का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही एक प्रतीक के रूप में प्राकृतिक गैस के माध्यम से अमर ज्योति सती कुंड में जलाने की योजना चल रही है। इसके लिए हमारे द्वारा दिल्ली से आर्किटेक्ट बुलवाए गए हैं। जिस तरह से अमर ज्योति जलती है उसी की तर्ज पर सती कुंड पर भी एक ज्योति जलाने का प्रयास है। हरिद्वार विकास प्राधिकरण द्वारा भी सती कुंड पर सौंदर्यकरण का कार्य किया जा रहा है। उनके साथ मिलकर हमको इस कार्य को करना है

लंबे समय से सती कुंड के सौंदर्यकरण को लेकर आवाज उठती रही है। मगर आज तक सती कुंड को भव्य स्वरूप नहीं दिया गया, मगर कुंभ मेले से पहले 52 शक्तिपीठों की जननी सती कुंड का जीर्णोद्धार करने में मेला प्रशासन जुट गया है। सती कुंड में अब 24 घंटे गंगा के जल का प्रवाह और मां सती की प्रतिमा के साथ अमर ज्योति जलाने की भी तैयारियां चल रही है। जिससे आने वाले वक्त में सती कुंड एक अलग ही रंग में रंगा नजर आएगा और यहां आने वाले भक्त सती कुंड के भव्य स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे।