गजब: डिजिटल इंडिया को ठेंगा दिखाता सीएससी सेंटर

डिजिटल इंडिया को ठेंगा दिखाता सीएससी सेंटर

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। बेरोजगारी के बीच सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर विकल्प के रूप में उभरा है। गांवों को डिजिटल प्लेटफाॅर्म मिला और युवाओं को खुद का रोजगार शुरू करने का मौका। शुरुआती दौर में पैनकार्ड, बिजली, एलआईसी प्रीमियम और बैंकिंग मित्र जैसी सुविधाएं थीं। अब सीएससी पर सर्विसेस का दायरा भी 450 तक पहुंच गया है। यानी एक ही सेंटर पर शासन की 450 सेवाओं का ग्रामीण क्षेत्र के लोग बिना शहर जाए लाभ ले रहे हैं। चूंकि एक गांव में कितने भी सीएससी सेंटर हो सकते हैं, इस कारण भी लगातार रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।

सीएससी का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता पर फोकस, सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं में एजेंट के रूप में काम करना है। अब हर गांव डिजिटल हो गया है। किंतु वर्तमान में प्रकाश में आया है कि, एक व्यक्ति द्वारा किशनपुरी स्थित एक सीएससी सैंटर से बिजली के बिल का भुगतान किया था, जो भुगतान ना तो विघुत विभाग तक पहुँचा और ना ही वापिस उक्त व्यक्ति को मिल पा रहा है। व्यक्ति को रोज सीएससी के चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पड रहा है। क्योंकि विघुत विभाग लाईन काटने की बात कह रहा है।

जबकि सीएससी संचालक ने बताया कि, इस सम्बन्ध में एक सप्ताह पूर्व सीएससी के आलाधिकारियों को शिकायत कर दी गई थी, किंतु अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे अब लोगों का सीएससी के प्रति विश्वास कम होते दिख रहा है। जिसे साफ शब्दों में कहा जा सकता है कि, प्रधानमंत्री के डिजीटल इंडिया को सीएससी सैंटर ठेंका दिखा रहा है। सीएससी संचालक ने अंतत: इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है। अब देखना यह होगा कि, मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत के बाद सीएससी क्या निर्णय व जबाब देती है।

इस सम्बन्ध में जब राज्य सीएससी टीम के सीनियर सुप्रीत सैमुल से बात की गई तो उन्होने बताया कि, इनकी शिकायत बुधवार शाम को मिली है। एक सप्ताह के अंदर पैसा वापस आ जायेगा।