मां गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालु मायूस। एसडीओ बोले हरकीपैड़ी पर पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध नहीं
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। प्रति वर्ष होने वाली ऊपरी गंग नहर बंदी इस वर्ष उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग ने 10 दिन पहले पूरे एक माह के लिए की है। वार्षिक नहर बंदी के दौरान इस बार गंग नहर की साफ सफाई नहर और पुलों की मरम्मत रंग रोगन और अन्य दूसरे कार्यो के साथ कुम्भ मेले के लिए हो रहे घाटो और पुलों के निर्माण कार्यो को पूरा किया जाना है। ऊपरी गंग नहर बंद होने के कारण हर की पैड़ी स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में जल काफी कम हो गया है। पौराणिक ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्रों में गंगा मैं पर्याप्त मात्रा में जल ना होने के कारण हरिद्वार आकर गंगा में स्नान करने वाले पुण्य कमाने वाले और अन्य दूसरे धार्मिक अनुष्ठान करने आने वाले श्रद्धालुओं को मायूसी ही हाथ लग रही है। वही यह श्रद्धालु प्रशासन से व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग भी कर रहे हैं।
धर्म नगरी हरिद्वार आकर मां गंगा में स्नान करने और पुण्य कमाने की कामना करने वाले श्रद्धालुओं के हाथ हरिद्वार आने के बाद मायूसी ही हाथ लग रही है। ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने लायक जल ना मिलने के कारण श्रद्धालु मायूस नजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि, इस बार पूर्व के समय के अनुरूप काफी कम पानी गंगा में नजर आ रहा है। गंगा में सफाई व्यवस्था भी कहीं नजर नहीं आ रही है। श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि, सफाई करने के और भी कई विकल्प हैं। सफाई करने के लिए पानी रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है। श्रद्धालु आस्था से हरिद्वार आते हैं और यहां आकर गंगा में डुबकी लगाने लायक भी पानी नहीं मिलता है, तो श्रद्धालु कहीं ना कहीं मायूस होते है। गंगा के उदगम स्थल पर ही गंगा का यह हाल है। स्थानीय प्रशासन इस और ध्यान दे और हरकीपैड़ी पर पर्याप्त मात्रा में गंगा जल छोड़ा जाए ताकि यह आने वाले श्रद्धालुओ को मायूसी हाथ ना लगे। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में गंगा जल ना उपलब्ध होने पर श्री गंगा सभा की महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि, अनुबंधन के अनुरूप 200 क्यूसिक जल हरकी पैड़ी होना अनिवार्य है। गंगा बंदी की जो अनुमति श्री गंगा सभा द्वारा दी जाती है। उसमें भी यह उल्लेख होता है कि, 200 क्यूसिक जल हरकी पैड़ी पर उपलब्ध रहेगा। रात्रि में 12 बजे गंग नहर को बंद किया गया है और सुबह पर्याप्त मात्रा में जल हरकी पैड़ी पर उपलब्ध नही था, इसके लिए संबंधित अधिकारी को अवगत कराया गया है। अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया है। शाम या सुबह के समय तक पर्याप्त मात्रा में गंगाजल हरकी पैड़ी पर उपलब्ध करा दिया जाएगा आचमन और स्नान लायक जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
वही हरकी पैड़ी और आस-पास के क्षेत्र में गंगा जल ना होने पर उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग के एसडीओ विक्रांत सैनी का कहना है कि, हरकी पैड़ी पर पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्थाएं की गई है। इसके लिए लेबर और मशीनों को लगाया गया है। सुबह थोड़ी जल की कमी थी, मगर अब धीरे-धीरे जल की मात्रा बढ़ रही है। आज सुबह से ही श्री गंगा सभा की पदाधिकारियों से हमारी वार्ता हो रही है। जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए कार्य किये जा रहे है। शाम को आरती के समय तक पर्याप्त मात्रा में जल हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओ के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
वार्षिक गंगा बंदी के दौरान होने वाली गंगा बंदी के कारण पौराणिक ब्रह्मकुंड में भी गंगा का जलस्तर काफी कम हो जाता है और यही कारण है कि, हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के हाथ मायूसी ही लगती है। हर बार दावे तो लाख किए जाते हैं मगर दावों के विपरीत जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही नजर आती है और हर बार श्रद्धालुओं को हरिद्वार से वार्षिक गंगा बंदी के दौरान मायूस लौटना पड़ता है।