प्रशासन की नाक के नीचे अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी। राजस्व विभाग का प्रतिदिन लाखों का नुकसान
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। तहसील क्षेत्र में उप खनिज भंडारण कानून को ताक में रखकर चलाया जा रहा है। इस कारण राज्य सरकार को प्रतिदिन लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अधिकांश भंडारण स्वामी नियम के मुताबिक मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
कोटद्वार में धड़ल्ले से चल रही अवैध खनन की गतिविधियां
जानकारी के मुताबिक इन नियमों का अधिकांश भंडारण स्वामी उल्लंघन कर रहे हैं। ज्यादातर भंडारण स्थल नदी किनारे ही बनाए गए हैं। किसी भी उपखनिज भंडारण के प्रवेश एवं निकासी द्वार पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। कई भंडारण स्वामी रवन्ने के साथ छेड़-छाड़ कर कोटद्वार तहसील से जिला बिजनौर में आरबीएम को बेच रहे हैं। यह अवैध खनन का खेल प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है। लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उपखनिज भंडारणों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए चैन की नींद सो रहे हैं।
क्या हैं भंडारण के नियम
● कोटद्वार तहसील क्षेत्र में 17 खनन भंडारण
● उपखनिज भंडारण नदी क्षेत्र से 1,500 मीटर दूर होना चाहिए।
● भंडारण स्थल पर इलेक्ट्रॉनिक तोल मशीन आवश्यक
● प्रवेश एवं निकासी द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य।
पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी कोटद्वार योगेश मेहरा का कहना है कि, यहां पर जितने भी आरबीएम (कच्चा उप खनिज) के भंडारण हैं, उनका एक रेग्यूलर चेकअप होता रहता है। अगर कोई कमी पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि, कुछ भंडारण में यह शिकायत मिली कि वह नदी के किनारे स्थित हैं और मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। नई भंडारण नियमावली के तहत इन पर कार्रवाई की जाएगी।