15 साल बाद भी सड़क निर्माण अधूरा। 6 माह में ढहे पुश्ते, कार्यदायी संस्था पर घटिया निर्माण कार्य का आरोप
– सड़क निर्माण का कार्य पूरा न होने से लोगों में खासा रोष
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। साल 2005 में नाबार्ड द्वारा 139 लाख रुपए की लागत से स्वीकृत हुए मोटर मार्ग का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। जिससे लोगों में खासा रोष है। ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था पर घटिया निर्माण कार्य का आरोप लगाया है। साथ ही लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ रहा है। हनुमंती चंडा मांडई मोटर मार्ग का निर्माण कार्य 15 साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। हनुमंती-चंडा-मांडई मोटर मार्ग साल 2005 में नाबार्ड द्वारा 139 लाख रुपए स्वीकृति किए थे। लेकिन आज तक 10 किलोमीटर स्वीकृत मार्ग नहीं बन पाया है।
कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग दुगड्डा खंड के द्वारा स्वीकृत मोटर मार्ग पर कटिंग का कार्य शुरू किया गया था। लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी इस मोटर मार्ग का कार्य पूरा नहीं हो सका। ग्रामीणों ने बताया कि, मोटर मार्ग पर बन रहे सुरक्षा दीवार छह महीने पहले बने थे, लेकिन दीवार एक बरसात भी नहीं झेल सकी। ऐसे में अब लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था पर घटिया निर्माण कार्य का आरोप लगाए हैं। उप प्रधान सुनील भट्ट का कहना है कि, यह मोटर मार्ग कोली गांव, सैलानी पुरान कोट ग्राम सभाओं को जोड़ती हुई चंडाखाल जाती है। इसके बाद इस सड़क को आगे मांडई होते हुए पौखाल संपर्क होना है।
साल 2005 में इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था जो अभी तक अधूरा है। सड़क की हालत किसी से छुपी नहीं है। सड़क किनारे जो सुरक्षा दीवार या पुश्ते बने हैं, उनकी गुणवत्ता पर लोग लगातार सवाल उठाते रहे हैं। वहीं, शिकायत करने के बाद भी विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विगत 15 सालों में कार्यदायी संस्था के द्वारा सिर्फ 8 किलोमीटर सड़क की कटिंग की गई है। वह भी अभी कच्ची है। जगह-जगह पर बरसाती नालों पर बने पुश्ते टूट हुए हैं। कुछ दिन पहले विधायक जनता दरबार लगाने पहुंची थीं, तो उनकी कार भी इस मार्ग में फंस गई थी।बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।
स्थानीय महिला विजय लक्ष्मी का कहना है कि, गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच सकी। 15 साल बीत जाने के बाद भी सड़क का कार्य पूरा नहीं हो सका है। सड़क पर जो सुरक्षा दीवार बनी है, वह घटिया निर्माण सामग्री से बन रही है। वहीं बीमार लोगों को हॉस्पिटल तक पहुंचाने में खासा परेशानी हो रही है।
इस पूरे मामले पर लोक निर्माण विभाग दुगड्डा खंड के सहायक अभियंता सुधीर नैथानी का कहना है कि, हनुमंती-चंडा-मांडई मोटर मार्ग साल 2005 में स्वीकृत हुआ था। नाबार्ड के द्वारा 139 लाख रुपए की लागत से इस मार्ग का पहले फेस का कार्य होना है। 8 किलोमीटर मोटर मार्ग की कटिंग अभी तक हो गई है। शेष 2 किलोमीटर मोटर मार्ग के कटिंग का टेंडर हो चुका है, बरसात खत्म होते ही मोटर मार्ग पर कटिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। ठेकेदारों द्वारा सड़क पर बनाये गए पुश्तों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। गुणवत्ता में कमी पाए जाने से संबंधित ठेकेदारों से ही दोबारा से पुश्तों का निर्माण करवाया जाएगा।