सीएम ने अपनों की खातिर हाईकोर्ट के आदेश को धता बता की बीटेक की बाध्यता समाप्त: नेगी

Raghunath singh negi

सीएम ने अपनों की खातिर हाईकोर्ट के आदेश को धता बता की बीटेक की बाध्यता समाप्त

– सरकार को नहीं प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं की परवाह
– पूर्व में शराब व खनन माफियाओं के लिए भी ला चुके हैं त्रिवेंद्र रातों-रात विधेयक

विकासनगर। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी करीबी रिश्तेदार को तकनीकी विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद पर पुनः बने रहने के लिए अंब्रेला एक्ट लाकर बीटेक की बाध्यता को समाप्त कर एक तरह से मा. उच्च न्यायालय के आदेश को धता बताकर मनमानी करने का काम किया है।

रजिस्ट्रार के पद पर ताजपोशी होने तक बना दिया निदेशक

उक्त प्रकरण पर जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक ब्यान जारी कर कहा कि, कल ही सरकार द्वारा श्रीमती अनीता रावत राणा को यू सर्क (उत्तराखंड शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र) में निदेशक के पद पर ताजपोशी के आदेश जारी किए गए। अभी हाल ही में मा. उच्च न्यायालय द्वारा उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में नियम विरुद्ध तरीके से रजिस्ट्रार के पद पर तैनात श्रीमती अनीता रावत राणा को पद मुक्त करने के आदेश दिए गए थे।

अपनों व रिश्तेदारों के लिए ही होना है सब कुछ, तो प्रदेश की जनता का क्या होगा !

गौरतलब है कि, प्रदेश में लाखों बेरोजगार, किसान व व्यापारी परेशान है तथा कई लोग तंगहाली में आत्महत्या कर चुके हैं। लेकिन इनके लिए कोई ठोस कार्य योजना सरकार के पास नहीं है। सरकार के मुखिया श्री त्रिवेंद्र सिर्फ और सिर्फ अपने परिजनों/रिश्तेदारों व अपने कमाऊ पूत (माफियाओं) के लिए ही चिंतित है तथा उनके लिए ही मनमाफिक विधेयक लाए जा रहे हैं। मोर्चा ऐसे कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।