गौरव सेनानियों ने सम्भाली सनेह वार्ड में खनन भंडारण को बंद करने की कमान
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। सनेह वार्ड नंबर 3 में खनन भंडारण को बंद करने की कमान अब गौरव सेनानियों के हाथ में आ गयी है। खनन कारोबारियों और खनन भंडारण के खिलाफ सनेह वार्ड नंबर 3 के लोगों द्वारा जारी विरोध विगत डेढ माह से लगातार जारी है। अब खनन भंडारण के खिलाफ गौरव सेनानी भी शामिल हो गए हैं। खनन भंडारण के कारण क्षेत्र में लगातार अशांति का माहौल बना हुआ है। क्षेत्र की महिलाओं ने कई बार इस संबंध में उप जिलाधिकारी के सामने अपना विरोध जताया, लेकिन लगता है कि, स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से खनन कारोबारियों की कैद में है। जिस प्रकार से लगातार स्थानीय निवासियों महिलाओं और अब गौरव सेनानियों द्वारा खनन भंडारण का गांव के बीचो-बीच होने का विरोध किया जा रहा है। वह पूरी तरह से क्षेत्रवासियों की सुरक्षा और आजीविका से जुड़ा है।
वार्ड नंबर 3 के समय मल्ली के किसानों की धान की फसल खनन भंडारण बनने के कारण सूखने की कगार पर पहुंच गई है। क्योंकि खनन भंडारण की भूमि के बीचो बीच से सिंचाई गूल गुजरती है। भंडारण बनने के कारण किसान सिचाई नही कर पा रहे है। अगर समय-समय पर बरसात नहीं होती तो अब तक फसल पूरी तरह सूख गई होती।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि, उनके लगातार विरोध के बाद भी खनन भंडारण का कार्य जारी है। प्रशासन को शिकायत करने और भंडारण के विरोध के बाद भी स्थानीय प्रशासन खनन कारोबारियों को शह दे रहा है। जिससे क्षेत्र मे तनावपूर्ण माहौल बना हुवा है तथा खनन कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। जिलाधिकारी, तहसीलदार, पटवारी के निरीक्षण के बाद भी खनन भंडारण के मानकों में खामियां मिली थी। उसके बावजूद प्रशासन भंडारण को जारी करने पर तुला है।
खनन भंडारण से सबसे ज्यादा दिक्कत स्थानीय किसानों को हो रही है। सरकार का किसानो को दुगुनी आय देने का नारा मात्र दिखावा नजर आता है। यहां पर तो प्रशासन लगातार किसानों का हक मारकर खनन कारोबारियों को लाभ पहुंचाने की जुगत में लगा है।