सीमान्त क्षेत्रों में पर्यटन स्थल विकसित होने से फिर बस जायेंगे सीमान्त गांव
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, संस्कृति, जलागम प्रबन्धन, बाढ़ नियंत्रण एवं भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री सतपाल महाराज ने 13 “डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन” के तहत चयनित सतपुली में पर्यटन विभाग की 40 शैय्या वाले आवास गृह एवं विवाह समारोह मल्टीपरक हॉल के निर्माण कार्य का विधिवत् भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। ग्राम प्रधान की मांग पर उन्होने कहा कि, यहां पर रोजगार के बहुत अवसर प्राप्त होंगे और योग्यता के आधार पर यहां पर बच्चों को रोजगार मिलेगा। धार्मिक स्थलों को सर्किट के रूप में विकसित करने से इन सर्किटों से हमारे बच्चों में धार्मिक संस्कार तो विकसित होंगे ही हमारे धार्मिक स्थल पर्यटन मंच पर भी आ जाएंगे।
साथ ही कहा कि, सीमान्त क्षेत्र में पर्यटन स्थल विकसित होने से हमारे सीमान्त गांव फिर से बस जायेंगे और हम वहां लोगों को सर्टिफिकेट देकर बाहर के टूरिस्ट को भारत के आखिरी गांव में एक रात ठहरने का मौका देकर टूरिज्म को बढ़ा सकते हैं। उत्तराखण्ड के खान-पान को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि, इस गेस्ट हाउस के बन जाने से यहां आने वाले पर्यटक, लोगों को काफी सुविधा होगी तथा इस स्थल से रमणीक नजारा देखने को मिल सकेगा। कोविड-19 के चलते कुछ दिक्कतें हुई हैं, सभी के सहयोग से यह प्रयास सफल होंगे।
दीवा का डांडा रणसवा में रज्जू मार्ग बनाने का कार्य है, यह बहुत ही रमणीक स्थल है, जहां से सन राइज के बहुत ही सुन्दर दर्शन होते है, जिसे विकसित करने का हमारा प्रयास है। खैरासैंण में सिंचाई झील बनवाई जा रही है जिससे पर्यटन के साथ सिंचाई के नये-नये मानक साबित होगें। जब विचार किये जाते हैं तो उनको पूरा होने में समय लगता है। उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, इस पर भी पहले विचार किया गया था। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे यहाँ भी वर्ल्ड क्लास का डेस्टिनेशन बने। कोविड-19 के चलते जो प्रवासी उत्तराखण्ड आये हैं वे दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना के तहत अपना स्वरोजगार व वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत कोई भी पर्यटन से जुड़ा हुआ कार्य कर अपना स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें पर्यटन विभाग के माध्यम से 10 से 15 लाख तक का ऋण बैंक से ले सकते हैं।
‘बावन गढ़ों का गढ़वाल जो गढ़ों का देश रहा है। हम चाहते हैं कि, हमारे गढ़ भी विकसित हों। मलेथा में मधोसिंह भण्डारी ऐसा वीर जिसने भूमि को सिंचित करने हेतु पानी लाने के लिए अपने पुत्र का बालिदान दे दिया। हम चाहते हैं, उनका वहां पर इतिहास हो, ताकि लोग उनके बारे में सुने, समझे, जाने। यहाँ पर एंगिलिंग का कार्य चालू है, जगह-जगह नदी किनारे हट्स बन गये हैं, यह निश्चित रूप से टूरिज्म हब के रूप में विकसित होता जा रहा है। पूरे उत्तराखण्ड में इसी प्रकार के विजन विकसित किये जायेंगे।कहा कि धार्मिक सर्किट बनाने का सोचा है, भगवती का सर्कित बन गया है, शंकर जी का सर्किट, विष्णु भगवान का सर्किट, गरूड़ देवता का सर्किट, डांडा नागराजा का सर्किट आदि बना रहे हैं।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष भाजपा संपत सिह रावत, गढ़वाल मण्डल विकास निगम उपाध्यक्ष के. के. सिंघल, राजेन्द्र सिह रावत, बृजमोहन सिह रावत, ग्राम प्रधान कुसुम लता, उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौड़ियाल, अ0अ0 राजीव रंजन सहित संबंधित अधिकारी एवं जनमानस उपस्थित थे।