पहली बार सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालु नहीं लगा पाएंगे गंगा में डुबकी। दो दिन रहेगी गंगा स्नान पर पाबंदी
हरिद्वार। उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव की संख्या के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा 2 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन किया गया और इसी के तहत हरिद्वार में सोमवती अमावस्या स्नान पर हरिद्वार आने वाले यात्रियों के आगमन पर रोक लगा दी गई। उत्तराखंड की सभी सीमाओं को सील किया गया। इसके साथ ही स्नान के अतिरिक्त अस्थि विसर्जन कर्मकांड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है और बिना अनुमति दूसरे राज्यो से हरिद्वार पहुचने वाले यात्रियो को निजी खर्चे पर 14 दिन के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन भी किया जाएगा। स्थानीय लोगो के लिए भी हरिद्वार के समस्त घाटो पर प्रवेश बंद किया गया है।अनाधिकृत प्रवेश पर यात्रियों और स्थानीय लोगो के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम में करवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव की संख्या से सरकार की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। इसी के तहत सोमवती अमावस्या पर बाहर से आने वाले यात्रियों और स्थानीय निवासियों पर गंगा स्नान पर पाबंदी लगा दी गई है और अगर कोई भी इसका अनुपालन नहीं करेगा उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की भी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि, सरकार ने निर्णय लिया है कि चाहे गंगा स्नान हो या शिवरात्रि श्रद्धालु गंगा स्नान करते थे, इस बार उस परंपरा के अनुसार गंगा स्नान नहीं किया जाएगा। श्रद्धालु भी सरकार का सहयोग करें। इससे वह अपने आप को भी बचाएंगे और समाज को भी। जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले और घर से निकले तो माक्स और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
सरकार द्वारा लिए गए फैसले का सख्ताई से पालन कराने के लिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय का कहना है कि, कोरोना वायरस का लगातार संक्रमण बढ़ते हुए देख हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा गंगा स्नान करने आने वाले यात्रियों को रोकने के लिए निर्णय लिया गया है और इसके लिए बॉर्डर को पूरी तरह से सील किया गया है। किसी भी प्रकार से यात्रियों को हरिद्वार में प्रवेश नहीं करने दिया जाएग। 19 और 20 तारीख को पूरी सीमाएं सील रहेगी। यात्रियों और स्थानीय निवासियों को गंगा स्नान नहीं करने दिया जाएगा। इसके साथ ही अस्थि विसर्जन और कर्मकांड पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है और जो भी श्रद्धालु आदेश की अवहेलना करेगा उसको 14 दिन के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन किया जाएगा और उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही भी की जाएगी।
यात्री हो या स्थानीय निवासी किसी को भी गंगा स्नान की अनुमति नहीं है, पुलिस इसका सख्ती से पालन करआएगी। लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के बाद सरकार और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है और पहली बार ऐसा हो रहा है कि, सोमवती अमावस्या और शिव के जलाभिषेक पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है और अगर कोई भी श्रद्धालु या स्थानीय निवासी प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदी का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।